लखनऊ। दिसंबर। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश के नागरिकों के जीवन को आसान बनाने, उन्हें हर तरह की सुविधा देने और उनकी शिकायतों को एक मंच प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी क्रम में सरकार ने 2017 में बिजली उपभोक्ताओं के लिए टोल फ्री नंबर 1912 की शुरुआत की थी। इस टोल फ्री नंबर पर उपभोक्ता बिजली से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या की शिकायत कर सकते हैं या सुझाव दे सकते हैं। सरकार की सजगता का परिणाम बेहद उत्साहजनक रहा है। उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लि. द्वारा उपलब्ध कराए गए आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 1 अप्रैल 2017 से अब तक इस टोल फ्री नंबर पर पूरे प्रदेश से बिल, मीटर, कनेक्शन, विद्युत आपूर्ति, विद्युत चोरी एवं सुझाव आदि संबंधी एक करोड़ 11 लाख 74 हजार 861 शिकायतें प्राप्त हुईं। इनमें से एक करोड़ 11 लाख 18 हजार 534 शिकायतों का समयबद्ध निस्तारण किया गया। अगर प्रतिशत में बात करें तो 1912 पर अब तक मिली शिकायतों को 99.5 प्रतिशत तक निवारण कर दिया गया है जो इस क्षेत्र में प्रदेश सरकार की उपलब्धि को दर्शाता है। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष एम देवराज ने इस सेवा को और अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश दिए हैं।
उपभोक्ताओं की समस्या हल होने तक रहें संपर्क में
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष एम देवराज ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि 1912 टोल फ्री नंबर को और प्रभावी एवं क्रियाशील बनाया जाए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि टोल फ्री नंबर शीघ्र उठे और उपभोक्ता की समस्या हल होने तक उसके संपर्क में रहें। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में सरकार का गठन होने के बाद से ही बिजली से जुड़ी समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित किया गया है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश के प्रत्येक क्षेत्र में बिना भेदभाव अधिक से अधिक विद्युत आपूर्ति की सुविधा प्रदान की गई है तो अब तक बिजली से वंचित लोगों तक बिजली पहुंचाने का भी काम किया गया है। उपभोक्ताओं को कोई परेशानी न हो इसके लिए 1912 टोल फ्री नंबर की शुरुआत की गई है। इसके माध्यम से उपभोक्ताओं को बिजली से जुड़ी समस्याओं का वन स्टॉप सॉल्यूशन उपलब्ध कराया जा रहा है।
दक्षिणांचल में सबसे ज्यादा शिकायतों का निस्तारण
यूपीपीसीएल के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 1912 पर दक्षिणांचल डिस्कॉम से 1640339 शिकायतें प्राप्त हुईं। इनमें 1636335 शिकायतों का निपटारा कर दिया गया। यहां निस्तारण का प्रतिशत 99.76 प्रतिशत रहा और महज 4004 शिकायतें ही फिलहाल लंबित हैं। इसी तरह, मध्यांचल में 5226012 शिकायतें प्राप्त हुईं जिनमें से 5205500 (99.61 प्रतिशत) का निस्तारण हो गया। पश्चिमांचल में 1326502 शिकायतें मिलीं और 1306067 (98.46 प्रतिशत) का निवारण हो गया। पूर्वांचल में 2973974 शिकायतों में 2962609 (99.62 प्रतिशत) और केस्को में 8034 शिकायतों में से 8023 का निस्तारण कर दिया गया।
बिल से संबंधित 100 प्रतिशत शिकायतों का निदान
बिजली बिल से संबंधित शिकायतों के मामले में पूरे प्रदेश में कुल 956073 शिकायतें प्राप्त हुई जिसमें 100 प्रतिशत शिकायतों का निस्तारण किया गया। सबसे ज्यादा शिकायतें मध्यांचल (530315) में दर्ज हुईं, जबकि पूर्वांचल में 184831, दक्षिणांचल में 155546 और पश्चिमांचल में 85381 शिकायतें दर्ज की गईं। कहीं भी कोई शिकायत लंबित नहीं है। वहीं, मीटर से संबंधित 1167500 शिकायतें प्राप्त हुईं जिनमें 97.28 प्रतिशत यानी 1135779 का निदान कर दिया गया। दक्षिणांचल में 1747, मध्यांचल में 9895, पश्चिमांचल में 12126, पूर्वांचल में 8448 और केस्को में मात्र 5 शिकायतें ही लंबित हैं।
स्मार्ट मीटर, आपूर्ति से संबंधित शिकायतों पर भी हुआ एक्शन
इसी तरह पूरे प्रदेश में स्मार्ट मीटर संबंधी 56256 शिकायतें प्राप्त हुई जिसमें 55921 यानी 99.40 प्रतिशत का समयबद्ध निस्तारण किया गया। वहीं, कनेक्शन से संबंधित 302976 शिकायतें प्राप्त हुई जिसमें 300518 (99.19 प्रतिशत) शिकायतों का निस्तारण किया गया। विद्युत आपूर्ति से संबंधित 7496696 शिकायतों में से 99.98 प्रतिशत यानी 7495070 शिकायतों पर एक्शन लिया गया। सेवा से संबंधित 11285 शिकायतों में से 10809 यानी 95.78 प्रतिशत पर कार्रवाई की गई। इसी तरह सूचना या सुझाव संबंधी 1079080 कॉल आईं जिनमें 99.49 प्रतिशत या 1073560 को निस्तारित किया गया।
बिजली चोरी पर मंध्यांचल पर सबसे ज्यादा एक्शन
1912 पर बिजली चोरी से संबंधित 104995 सूचनाएं प्राप्त हुईं जिसमें 90804 शिकायतों का निस्तारण किया गया। यह कुल शिकायतों का 86.48 प्रतिशत रहा। सबसे ज्यादा मध्यांचल में शिकायतों का निपटारा किया गया। यहां बिजली चोरी से जुड़ी कुल 50690 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें 45548 (89.86 प्रतिशत) को निस्तारित किया गया। इसी तरह पश्चिमांचल में 19867 शिकायतें मिलीं और 14121 (71.08 प्रतिशत) का निदान किया गया। इसी तरह, दक्षिणांचल में 92.56 प्रतिशत और पूर्वांचल में 88.54 प्रतिशत शिकायतों पर कार्रवाई की गई। केस्को में 100 प्रतिशत बिजली चोरी की शिकायतों पर कार्रवाई की गई।