लखनऊ। उमेश पाल हत्याकांड को लेकर एक नया खुलासा हुआ है। पुलिस की जांच में पता चला है कि उमेश पाल की हत्या एक करोड़ की रंगदारी न देने पर की गई थी। इसे लेकर उमेश पाल ने धूमनगंज थाने में अतीक के 5 गुर्गों पर मुकदमा दर्ज करवाया था। एफआईआर में खालिद जफर, मोहम्मद मुस्लिम, दिलीप कुशवाहा और अबूसाद को नामजद किया गया था।
बताया जा रहा है कि अतीक के गुर्गे हथियारों से लैस होकर उमेश पाल की जमीन पर कब्जा करने पहुंचे थे। उन्होंने उमेश पाल से कहा था कि अतीक भाई का आदेश है या तो जमीन को भूल जाओ या फिर एक करोड़ की रंगदारी उन्हें दे दो। जिसके बाद उमेश पाल ने अतीक के गुर्गों को एक करोड़ रु की रंगदारी देने से साफ इंकार करते हुए धूमनगंज थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया।
मिली जानकारी के मुताबिक उमेश पाल की इस नाफरमानी को बताने के लिए अतीक के दो गुर्गे साबरमती जेल में मिलने गए थे। पुलिस अब इस थ्योरी पर काम कर रही है कि क्या अतीक ने ही उमेश पाल की हत्या का इशारा किया। 24 फरवरी को शूटर्स ने उमेश पाल की गोलियों से भून कर हत्या कर दी थी। शूटरों को प्रयागराज से निकालने के लिए बैकअप प्लान के तहत दो फॉर्च्यूनर दोपहर में ही पहुंच गई थी।
उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम देने के सिर्फ 2 घंटे बाद उसी फॉर्च्यूनर से शूटर वापस फरार हुए। पुलिस को मिले इनपुट में पता चला है कि 2 घंटे तक उमेश पाल की जान लेने वाले शूटर प्रयागराज में ही छिपे रहे। रात 8 बजे के लगभग एक फॉर्च्यूनर की रायबरेली टोल पर लोकेशन सीसीटीवी में नजर आई है।