बेंगलुरु। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने मंगलवार को अपना घोषणापत्र जारी किया। इस घोषणापत्र ने कांग्रेस ने बजरंग दल पर बैन लगाने की बात कही थी। बैन करने की बात से ही बजरंग दल कांग्रेस पर आगबबूला है। संगठन ने कई जगह विरोध-प्रदर्शन भी किए हैं. वहीं, कांग्रेस के नेताओं ने भी पार्टी के इस फैसले पर सवाल उठाए हैं।
वहीं, बजरंग दल पर बैन लगाने के वादे के विरोध में बीजेपी हमलावर हो चुकी है। पार्टी ने ऐलान किया है कि वह कर्नाटक के हर मंदिर, ग्राम पंचायत में हनुमान चालीसा का पाठ करेगी। 4 मई को शाम 7 बजे कर्नाटक के हर मंदिर, ग्राम पंचायत, शहरी इलाके में हनुमान चालीसा का पाठ किया जाएगा। बीजेपी ने अब इस मुद्दे को चुनावी मुद्दे में तब्दील कर दिया है। हनुमान चालीसा के पाठ करने की जिम्मेदारी वीएचपी और हिंदू संगठनों की होगी।
दरअसल, कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने बजरंग दल पर बैन लगाने के फैसले को लेकर पार्टी से सवाल किया है। उन्होंने एक ट्वीट के जरिए कहा, ‘जहरीला ‘सांप’ अभी तक ‘गले’ में पड़ा हुआ है, बजरंग बली को ‘छेड़ने’ की क्या जरूरत थी…?’ इस ट्वीट के साथ उन्होंने हैशटैग कर्नाटक चुनाव का भी इस्तेमाल किया। इससे ये साफ हो गया कि वे कर्नाटक चुनाव को लेकर जारी किए गए कांग्रेस के घोषणापत्र पर सवाल उठा रहे थे।
दरअसल, बजरंग दल को बैन करने को लेकर जब पीसीसी चीफ कमलनाथ से सवाल किया गया, तो उन्होंने भी इशारों-इशारों में पार्टी के फैसले पर सवाल उठाए। कमलनाथ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही कह चुका है कि अगर कोई संस्था या व्यक्ति सामाजिक विवाद पैदा करता है, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
रिपोटर्स ने कांग्रेस के घोषणापत्र और बजरंग दल को बैन करने को लेकर कमलनाथ से स्पष्ट तरीके से सवाल किया. इस पर उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और जनता पहले से ही कह रही है कि जो भी समाज में नफरता फैलाए या विवाद करवाए, उस पर कार्रवाई होनी चाहिए.