लखनऊ/नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी विपक्ष के जातीय जनगणना के दांव की काट खोजने में जुट गई है। इसी के मद्देनजर आज गुरुवार को दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित प्रदेश के पिछड़े वर्ग के सभी प्रमुख नेताओं को बुलाया गया है। इस बैठक के चलते आज गुरुवार को लखनऊ में होने वाले अवध क्षेत्र के अनुसूचित सम्मेलन को स्थगित कर दिया गया है।
उप्र में पिछड़ों को साधने के लिए भाजपा आज गुरुवार को दिल्ली में होने वाली बैठक में रूपरेखा तय करेगी। दरअसल, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा सरकार बनवाने में पिछड़े वोट बैंक की प्रमुख भूमिका रही है। पार्टी इस बार भी पिछड़ों को साधने में कोई चूक नहीं करना चाहती। यूपी में पार्टी का मिशन 80 भी तभी परवान चढ़ सकता है।
इसी के मद्देनजर गुरुवार को दोपहर 3.30 बजे से यह महत्वपूर्ण बैठक पार्टी के राष्ट्रीय कार्यालय में बुलाई गई है। हालांकि इसका स्थान बदल भी सकता है। बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित कुछ और लोग मौजूद रहेंगे।
यूपी से इस बैठक में सीएम योगी के अलावा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा और साध्वी निरंजन ज्योति राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर व सांसद संगम लाल गुप्ता को बुलाया गया है।
दलित सम्मेलन किया स्थगित
बता दें कि भाजपा यूपी में दलितों को साधने के लिए क्षेत्रवार अनुसूचित सम्मेलन कर रही है। दो नवंबर को लखनऊ के स्मृति उपवन में होने वाले अनुसूचित सम्मेलन को बहुत बड़े पैमाने पर करने की पार्टी की योजना थी।
इसके लिए प्रदेश सरकार के मंत्री असीम अरुण, राज्यसभा सांसद ब्रजलाल, पूर्व सांसद जुगल किशोर सहित अन्य दलित चेहरे जुटे थे। विधानसभावार भीड़ लाने को लक्ष्य तय करने के साथ ही बड़े पैमाने पर बसों और अन्य वाहनों की व्यवस्था की गई थी।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को रहना था मगर सीएम और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के गुरुवार को दिल्ली की बैठक में रहने के चलते इस सम्मेलन को स्थगित किया गया है।