वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने साफ कर दिया है कि हमास के खात्मे तक गाजा में इजरायल की कार्रवाई जारी रहेगी। बाइडेन ने कहा है कि गाजा में चल रहा युद्ध हमास के पूरी तरह से तबाह हो जाने के बाद ही खत्म होगा। बाइडेन का ये बयान ऐसे समय में आया है, जब दुनियाभर से गाजा में हो रहे हमलों पर चिंता जाहिर की जा रही है।
खुद बाइडेन ने भी हाल ही में युद्धविराम की बात कही थी। हालांकि बाइडेन ने इस दफा खुलकर इजरायल की सपोर्ट में खड़े होते हुए हमास के पूरी तरह से सफाए की बात कही है।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ मुलाकात के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में गाजा युद्ध पर हुए सवाल के जवाब में बाइडेन ने कहाहमास कह रहा है कि वह इजरायल पर फिर से हमला करने की योजना बना रहा है। ऐसे में ये युद्ध तब समाप्त होगा जब हमास इजरायलियों की हत्या और उनके साथ दुर्व्यवहार करने लायक नहीं बचेगा, यानी उसकी सैन्य और राजनीतिक ताकत पूरी तरह से खत्म हो जाएगी।
बाइडेन ने कहा हालांकि इजरायल की सेना का दायित्व है कि वे अपने लक्ष्यों के पीछे जाने में सावधानी बरतें। अमेरिकी अधिकारियों ने इजरायल के साथ चर्चा की है और उनसे फिलिस्तीन में अस्पतालों के आसपास सैन्य गतिविधियों में बेहद सावधान रहने का आग्रह किया है।
अल शिफा अस्पताल में हमास का ठिकाना
इजरायल की सेना ने हाल ही में गाजा के सबसे बड़े अस्पताल अल शिफा में भी रेड की है। सेना के अस्पताल में घुसने की दुनियाभर में आलोचना हुई है। जो बाइडेन ने भी इस मामले में इजरायल के आरोपों को दोहराया है।
बाइडेन ने कहा कि इजरायल गाजा शहर में अल शिफा अस्पताल के आसपास कार्रवाई का जोखिम ले रहा है, इससे ये बात तय हो गई है कि इस अस्पताल के नीचे हमास का मुख्यालय और उसके हथियार हो सकते हैं।
7 अक्टूबर को बंधक बनाए गए लोगों की रिहाई के बारे में पूछे जाने पर बाइडेन ने कहा, मैं यहां खुद से ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहता हूं। मैं ये कहूंगा कि हमें कतर से बहुत अच्छा सहयोग मिला है। कतर बंधकों की रिहाई के लिए मध्यस्थता प्रयासों का नेतृत्व कर रहा है। जिसकी हम सराहना करते हैं। बाइडेन ने कहा कि उनको गाजा में हमास की कैद में रखे गए 240 बंधकों की रिहाई के लिए समझौता होने की उम्मीद है।
बाइडेन प्रशासन की ओर से पहले भी कहा गया था कि वह इजरायल के लिए कोई लाइन तय करके युद्धविराम नहीं कराएगा। 7 अक्टूबर के नरसंहार के बाद इजरायल को हमास के खिलाफ खुद का बचाव करने का अधिकार है। हालांकि अमेरिका युद्ध में अल्पकालिक मानवीय विराम पर जोर देता रहा है। खासतौर से विदेशी नागरिकों को निकालने के लिए सीजफायर की बात अमेरिका की ओर से कही जाती रही है।