अयोध्या| मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह दिव्य संयोग है कि प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पूर्व रामलीला का यह मंच प्रभु की लीलाओं को जनमानस में पहुंचाने का सशक्त माध्यम बनेगा। उत्तराखंड की रामलीला अद्भुत है, क्योंकि इसमें सभी पात्र मातृशक्ति हैं। यह लोगों के लिए नई प्रेरणा का माध्यम बनेगा। मुख्यमंत्री ने स्थानीय प्रशासन से कहा कि इन्हें बुलाकर रामलीला का युगगान होना चाहिए। सीएम ने उत्तराखंड से आई बहनों का अभिनन्दन करते हुए अगले दीपोत्सव पर मंचन के लिए इस टीम को आमंत्रित भी किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को अयोध्या शोध संस्थान पहुंचे। यहां उन्होंने रामलीला का शुभारंभ किया। फिर उत्तराखंड के कलाकारों के इस दल से भेंट की। उत्तराखंड का यह दल इसलिए भी विशिष्ट है, क्योंकि इसमें करीब 400 महिलाएं कलाकार प्रतिभाग कर रही हैं। मुख्यमंत्री ने कलाकारों की हौसला अफजाई भी की।
प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में दुनिया देख रही नई अयोध्या
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 22 के मद्देनजर हम लोगों ने इंडोनेशिया, थाईलैंड, नेपाल, श्रीलंका, मॉरीशस समेत छह देशों व अन्य राज्यों को रामलीला के लिए आमंत्रित किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यकाल में देश जब गुलाम था।विदेशी आक्रांताओं को झेल रहा था, तब संत तुलसीदास ने सामाजिक चेतना को जागरूक करने के लिए प्रभु राम को माध्यम बनाया। कई लोगों ने कहा कि अकबर के दरबार में चलो, उनके नौ रत्न हैं। आप भी बन जाएंगे, लेकिन उन्होंने कहा कि अकबर कौन है। लोगों ने कहा कि बादशाह हैं तो तुलसीदास ने कहा कि यह क्या होता है, लोगों ने बताया कि राजा, तब तुलसीदास ने कहा मेरा एक ही राजा है, वह है राम, उनके अतिरिक्त किसी को राजा नहीं मानता। रामलीलाओं के माध्यम से तुलसीदास ने कहा कि बोलो-राजा रामचंद्र जी की जय। यह भारत की प्राणशक्ति बन गई और आज प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में भव्य-दिव्य राममंदिर व अयोध्या दुनिया वासियों को देखने को मिल रही है। आपका मंचन अभिनन्दनीय है।
इस दौरान अयोध्या के प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप शाही, राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय आदि मौजूद रहे।