National

आज पूरे देश में Vocal for Local और Local to Global का जन-आंदोलन चल रहा है: PM मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली स्थित भारत मंडपम में भारत टेक्स-2024 का उद्घाटन किया. यह देश में आयोजित होने वाले अब तक के सबसे बड़े वैश्विक कपड़ा कार्यक्रमों में से एक है.  इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और दर्शना जरदोश भी शामिल हुई.

इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज का ये आयोजन अपने आप में बहुत खास है. खास इसलिए क्योंकि ये एक साथ भारत के दो सबसे बड़े प्रदर्शनी केंद्रों भारत मंडपम और यशोभूमि में एक साथ हो रहा है. आज का ये आयोजन सिर्फ एक टेक्सटाइल एक्सपो भर नहीं है. इस आयोजन के एक सूत्र से कई चीजें जुड़ी हुई हैं. भारत टेक्स का ये सूत्र भारत के गौरवशाली इतिहास को आज की प्रतिभा से जोड़ रहा है. भारत टेक्स का ये सूत्र टेक्नोलॉजी को traditions के संग पिरो रहा है.

भारत टेक्स का ये सूत्र Style, Sustainability, Scale और Skill को एक साथ लाने का सूत्र है. विकसित भारत के निर्माण में टेक्सटाइल सेक्टर का योगदान और बढ़ाने के लिए हम बहुत विस्तृत दायरे में काम रहे हैं. हम Tradition, Technology, Talent और Training पर फोकस कर रहे हैं. हम Textile Value Chain के सभी eliments को Five F के सूत्र से एक दूसरे से जोड़ रहे हैं. Five F की ये यात्रा Farm, Fibre, Factory, Fashion से होते हुए Foreign तक जाती है. बीते दशक में हमने एक और नया आयाम जोड़ा है.

PM मोदी ने कहा कि ये आयाम है Vocal for Local का. आज पूरे देश में Vocal for Local और Local to Global का जन-आंदोलन चल रहा है. आज भारत में हम scale के साथ ही इस sector में skill पर भी बहुत जोर दे रहे हैं. देश में National Institute Of Fashion Technology यानी NIFT का नेटवर्क 19 संस्थानों तक पहुंच चुका है. इन संस्थानों से आसपास के बुनकरों और कारीगरों को भी जोड़ा जा रहा है. आज भारत, दुनिया में कॉटन, जुट और सिल्क के बड़े उत्पादकों में से एक है. लाखों किसान इस काम में जुटे हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार आज लाखों कॉटन किसानों को सपोर्ट कर रही है, उनसे लाखों क्विंटल कॉटन खरीद रही है. सरकार ने जो कस्तूरी कॉटन लॉन्च किया है, वो भारत की अपनी पहचान बनाने की ओर एक बड़ा कदम होने वाला है. परिधान बनाने वाले हर 10 साथियों में से 7 महिलाएं हैं और हैंडलूम में तो इससे भी ज्यादा है. टेक्सटाइल के अलावा खादी ने भी हमारे भारत की महिलाओं को नई शक्ति दी है. मैं ये कह सकता हूं कि बीते 10 वर्षों में हमने जो भी प्रयास किए, उसने खादी को विकास और रोजगार दोनों का साधन बनाया है.

=>
=>
loading...
BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH