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फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में मुख्तार अंसारी दोषी करार, कोर्ट कल सुनाएगी सजा

वाराणसी। वाराणसी कोर्ट ने फर्जी ढंग से शस्त्र लाइसेंस लेने के मामले में पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया है। कोर्ट 13 मार्च यानी कल मुख्तार को सजा सुनाएगा। यह मामला 36 साल पुराने बंदूक के फर्जी लाइसेंस से जुड़ा मामला है। इसमें मुख्तार अंसारी पर डीएम और एसपी का फर्जी हस्ताक्षर कर लाइसेंस लेने का आरोप लगा था. इस मामले की सुनवाई में बांदा जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए माफिया मुख्तार अंसारी जुड़ा.

पूर्व बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने 10 जून 1987 को दोनाली बंदूक के लाइसेंस के लिए गाजीपुर के जिला मजिस्ट्रेट के यहां प्रार्थना पत्र दिया था। मुख्तार अंसारी ने गाजीपुर के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर से संस्तुति प्राप्त कर शस्त्र लाइसेंस प्राप्त कर लिया था। फर्जीवाड़ा उजागर होने पर CBCID द्वारा चार दिसंबर 1990 को मुहम्मदाबाद थाने में मुख्तार अंसारी, तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर समेत पांच नामजद और अन्य अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। जांच के बाद तत्कालीन आयुध लिपिक गौरीशंकर श्रीवास्तव और मुख्तार अंसारी के विरुद्ध 1997 में अदालत में आरोप पत्र प्रेषित किया गया था।

इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से प्रदेश के मुख्य सचिव रहे आलोक रंजन और पूर्व DGP देवराज नागर समेत 10 गवाहों का बयान दर्ज किया गया था। अभियुक्त गणों पर आरोप पत्र में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा का भी आरोप होने के कारण उक्त मामले का विचारण विशेष क्षेत्राधिकार प्राप्त न्यायालय वाराणसी में प्रचलित रहा। इसी बीच अश्वनी उपाध्याय बनाम भारत संघ के मामले में उच्चतम न्यायालय के आदेश से उक्त मामला विशेष न्यायालय (MP-MLA) के न्यायालय में विचाराधीन रहा, जिसमें आज निर्णय आया।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH