नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पद से हटाए जाने की मांग करने वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट से सोमवार को नाराजगी जताई है। हाई कोर्ट ने कहा कि पब्लिसिटी के लिए ये किया जा रहा है। हम याचिकाकर्ता पर भारी जुर्माना लगाएंगे।
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा कि मामले में दो याचिका पहले ही कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की पीठ खारिज की जा चुकी है। ऐसे में अब इस याचिका का क्या औचित्य है और कोर्ट इसमें क्या कर सकता है। अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता पर भारी जुर्माना लगाया जाना चाहिए।
इसके साथ ही अदालत ने याचिका को 10 अप्रैल को मुख्य पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने को कहा। संदीप कुमार ने दावा किया है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के मतदाता होने के नाते वह व्यक्तिगत रूप से इस बात से व्यथित हैं कि उनके केंद्र शासित प्रदेश का मुख्यमंत्री एक ऐसा व्यक्ति है जो पद संभालने में असमर्थ है।
संदीप कुमार ने यह भी कहा कि केजरीवाल न्यायिक हिरासत से कभी भी मुख्यमंत्री के रूप में कार्य नहीं कर सकते। याचिका के अनुसार उपराज्यपाल को सहायता और सलाह व्यावहारिक रूप से तब तक संभव नहीं है जब तक मुख्यमंत्री संविधान के तहत स्वतंत्र रूप से उपलब्ध न हों।