अयोध्या। अयोध्या के निर्माणाधीन श्री राममंदिर प्रांगण में लगाये गये कोविदार वृक्ष बढ रहे है। आज पहली बार समस्त श्रद्धालु सनातनी हिंदुओ हेतु इन कोविदार वृक्षों की फ़ोटो जारी की गई है जिन्हे देखने की मांग लंबे समय से की जा रही थी।
कोविदार के अयोध्या के राजचिह्न होने के प्रमाण वाल्मिकी रामायण के 84 वें और 96 वें सर्ग में मिलता है। अयोध्या शोध संस्थान के शोध प्रकल्प पर कार्य करते हुये इंडोलाजिस्ट ललित मिश्र के प्रयत्न से मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन श्री नृप्रेंद्र मिश्र की संस्तुति पर कोविदार के पौधे रोपे गये थे। इस प्रकार श्री राम की राजधानी अयोध्या की खोई हुई विरासत को कलियुग में संरक्षित किया जा सकाI
कालिदास से लेकर तुलसीदास जी तथा रामायण पर टीवी सीरियल बनाने वाले रामानंद सागर भी उस कोविदार वृक्ष को जो अयोध्या के ध्वज को सुशोभित करता था, पहचान नहीं पाये थे। कुबेर टीले में कुल छह हरे भरे कोविदार वृक्ष लहरा रहे हैं जिनकी उंचाई छ से आठ फ़ीट तक हो चुकी है। कोविदार सबसे तेजी से बढने वाले पौधों में गिना जाता है।