लखनऊ। समाजवादी पार्टी के विधायक हाजी रफीक अंसारी को लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया गया है। रफीक उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर विधानसभा सीट से विधायक हैं। रफीक अंसारी कई दिनों से अंडरग्राउंड चल रहे थे। पुलिस उनकी तलाश में छापेमारी कर रही थी। अंसारी के खिलाफ कोर्ट से 100 गैर जमानती वारंट जारी हुए। बावजूद इसके वह कोर्ट में पेश नहीं हुए। हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी का आदेश दिए था। विधायक अंसारी को 1995 के एक केस में हाईकोर्ट में पेश होना था लेकिन वह पेशी पर नहीं जा रहे थे।
मेरठ की शहर विधानसभा सीट से हाजी रफीक अंसारी दूसरी बार लगातार विधायक हैं। बीजेपी के कद्दावर नेता डॉक्टर लक्ष्मीकांत वाजपई को भी हाजी रफीक अंसारी ने चुनाव हराया था। वो अखिलेश यादव के भी बेहद करीबी माने जाते हैं। उनकी गिनती मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी नेताओं में की जाती थी। इसके बाद वो अखिलेश यादव के करीब आ गए। रफीक अंसारी की गिरफ्तारी के बाद बार-बार यही चर्चा की जा रही है कि आख़िर वो सौ से ज्यादा वांरट जारी होने के बाद भी कोर्ट में पेश क्यों नहीं। क्या वो किसी नेता के कहने पर वो पेश नहीं हो रहे थे।
दरअसल सितंबर 1995 में रफीक अंसारी समेत 35-40 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इस मामले में 22 आरोपियों को बरी किया जा चुका है लेकिन रफीक अंसारी कभी कोर्ट में पेश नहीं हुए। उनके खिलाफ एमपी एमएलए मेरठ कोर्ट ने आईपीसी की धारा 147, 436 और 427 के तहत 101 गैर जमानती वारंट जारी हुए लेकिन वो कोर्ट में पेश नहीं हुए और हाईकोर्ट चले गए। जिसके बाद कोर्ट उनकी याचिका को रद्द कर दिया और पुलिस महानिदेशक को गिरफ्तारी के निर्देश दिए।