नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने उन्हें अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया। केजरीवाल की तरफ से कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अंतरिम जमानत का अनुरोध किया। इस पर कोर्ट ने कहा कि हम कोई अंतरिम जमानत नहीं दे सकते हैं।
दरअसल, अरविंद केजरीवाल दिल्ली शराब नीति मामले में सीबीआई के जरिए अपने ऊपर दर्ज किए गए केस में जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुयांन की पीठ ने सीबीआई को नोटिस जारी कर उसका जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा है कि इस मामले पर अब अगली सुनवाई 23 अगस्त को होगी। शराब नीति मामले में ही आम आदमी पार्टी नेता और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को करीब 17 महीने बाद जमानत मिली है।
सुनवाई के दौरान अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया कि मनी लॉन्ड्रिंग केस में केजरीवाल को तीन बार अंतरिम जमानत मिली है। सुप्रीम कोर्ट से 10 मई और 12 जुलाई को उन्हें अंतरिम जमानत मिली है। उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ट्रायल कोर्ट द्वारा 20 जून को दिए गए जमानत आदेश का भी जिक्र किया। सिंघवी ने कहा कि ट्रायल कोर्ट के आदेश पर दिल्ली हाईकोर्ट ने रोक लगा दी। उन्होंने इस बात की भी दलील दी कि सीबीआई केस में जमानत से कैसे इनकार किया जा सकता है, जब कठोर शर्तें ही नहीं हैं।
अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया कि ईडी केस में अंतरिम जमानत से पहले सीबीआई ने केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया, इसलिए, वह अभी तक जेल में हैं। वह सिर्फ अंतरिम जमानत चाहते हैं. इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, “हम किसी भी तरह की अंतरिम जमानत नहीं दे रहे हैं। सिंघवी ने अदालत से गुजारिश की कि केजरीवाल स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं, इसलिए मामले पर जल्द सुनवाई की जाए. इस तरह सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 23 अगस्त के लिए सूचीबद्ध कर दी।