ग्रेटर नोएडा/लखनऊ। भारत अब दुनिया में केवल ग्लोबल लीडर ही नहीं, बल्कि मार्केट की सबसे प्रमुख जरूरत यानी सप्लाई चेन की दिशा में भी दिग्गज बनने की ओर तेजी से बढ़ चला है। आज पूरी दुनिया भारत को न केवल सेमीकंडक्टर विनिर्माण के क्षेत्र में अग्रणी बनते देखना चाहती है बल्कि वैश्विक सप्लाई चेन में उसकी प्रमुख भूमिका को लेकर न केवल आश्वस्त है बल्कि इसके लिए सभी तरह के समन्वय के लिए भी प्रतिबद्ध है। बुधवार को ग्रेटर नोएडा के एक्सपो मार्ट में आयोजित सेमीकॉन इंडिया 2024 में शिरकत करते हुए सेमीकंडक्टर सेक्टर के ग्लोबल लीडर्स ने इन्हीं विषयों पर सबसे ज्यादा फोकस किया। साथ ही, पूरी दुनिया को ग्रोथ के लिए ‘मोदी लॉ’ पर फोकस करने की नसीहत दी। ये मोदी लॉ दरअसल पीएम मोदी की नीतियां हैं जो किसी भी इंडस्ट्री के सर्वांगीण विकास के लिए महत्वपूर्ण है। सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में एक्सपोनेंशियल ग्रोथ के अवसर हैं और पीएम मोदी का विजन इस पर ही सबसे ज्यादा फोकस करता है। इसी बात को ग्लोबल लीडर्स ने सबसे ज्यादा सराहा और प्राथमिकता दी।
मोदी लॉ पूरी दुनिया का मार्ग कर रही प्रशस्त
सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में ग्लोबल कोलैबोरेशन की दिशा में काम करने ग्लोबल एसोसिएशन सेमी के प्रेसीडेंट व सीईओ अजीत मनोचा ने कहा कि यह अकल्पनीय होने के साथ अद्भुत है। सेमीकॉन कई देशों में आयोजित हो चुके हैं मगर भारत में यह पहला संस्करण है और अन्य देशों की तुलना में यह चार से पांच गुना ज्यादा बड़ा आयोजन है। यह भारत की अनप्रेसिडेंटेड कैपेबिलिटीज को दर्शाता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सभी सीईओ व बिजनेस लीडर्स इस बात पर सहमत हैं कि भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण व सप्लाई चेन को बढ़ावा मिलना चाहिए। यह भारत की लीडरशिप और विजन के कारण हो सका जिसने पूरी दुनिया को प्रभावित किया है। हमें मोदी लॉ की बात करनी होगी। मोदी लॉ एक्सपोनेंशियल ग्रोथ पर फोकस करता है। हमें इस विजन को सच बनाना होगा क्योंकि यह न केवल भारत, न केवल विश्व बल्कि पूरी मानवता की उन्नति का मार्ग है। सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में होने वाली उपलब्धि पूरे इंडस्ट्री सेक्टर में उपलब्धियों के द्वार खोलने का आधार बनती हैं।
20 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम की तरह मिलकर करना होगा कार्य
टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के सीईओ डॉ. रणधीर ठाकुर ने कहा कि पीएम मोदी ने देश के पहले कॉमर्शियल फैब का धोलेरा गुजरात व देश की पहली इंडीजीनियस ओसीइएट इंडस्ट्री का जागीरोड़ असम में फाउंडेशन स्टोन रखा। यह दोनों प्रोजेक्ट भारत सरकार से रिकॉर्ड समय के अंदर स्वीकृत हुए जिसने एक बेंचमार्क स्थापित किया है। यह भारत के सेमीकंडक्टर मिशन के अंतर्गत संभव हुआ। चिप कंडक्टर के निर्माण से हजारों सोफेस्टिकेटेड सेमीकंडक्टर पार्टनर्स की जरूरत होती है जो टीम की तरह काम करती है। कुल 11 मह्त्वपूर्ण घटकों के जरिए चिप निर्माण पूरा होता है जिसमें डिजाइन, सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर्स व लॉजिस्टिक्स महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि आज भारत सरकार की पहल से ये सभी जरूरी 11 इकोसिस्टम के प्रतिनिधि कार्यक्रम में सम्मिलित हैं जो एक बड़ी उपलब्धि है। हम सभी पार्टनर्स के साथ कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें साथ मिलकर टी20 वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम की तरह मिलकर कार्य करना होगा। यह पीएम मोदी के ग्लोबल रीच, विजन व सेमीकंडक्टर मिशन के कारण ही संभव हो पाया है। टाटा ही देश में स्टील इंडस्ट्री लेकर आई थी और अब हम देश में सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम विकसित करने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं। इस प्रक्रिया से हम पचास हजार रोजगार उपलब्ध कराने में सक्षम हो सकेंगे। प्रत्येक सेमीकंडक्टर रिलेटेड जॉब अपने साथ 10 अन्य रोजगार के अवसरों का माध्यम भी बनेगा। यही समय है सही समय है, भारत का अनमोल समय है।
तीन एट्रीब्यूट्स के जरिए सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में मिलती है सफलता
एनएक्सपी सेमीकंडक्टर्स के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर व सीईओ कर्ट सीवर्स ने कहा कि एंबीशन,ट्रस्ट व कोलैबोरेशन वह तीन एट्रीब्यूट्स हैं जिनके जरिए सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में सफलता का मार्ग सुनिश्चित होता है। ये स्प्रिंट नहीं मैराथन है। पचास सालों से हमारी भारत में उपस्थिति है और पिछले कुछ वर्षों में हुआ बदलाव अकल्पनीय है। यह भारत को इकॉनमी के लिहाज से बहुत सम्रद्ध व ताकतवर बना रहा है। इनोवेशन, डेमोक्रेसी और ट्रस्ट वो मैजिक मंत्र है जिसपर चलकर देश के उद्योग प्रगति करते हैं। हम भारत में हैं, भारत के साथ हैं और प्रतिबद्ध हैं।
भारत में उपस्थिति बढ़ाने पर रेनेसॉ का जोर
दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी ऑटोमोटिव सेमीकंडक्टर कंपनी व विश्व की सबसे बड़ी माइक्रोकंट्रोलर सप्लायर के रूप में प्रसिद्ध रेनेसॉ इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन के प्रेसीडेंट व सीईओ हितोशी शिबाता ने कहा कि रेनेसा इलेक्ट्रॉनिक्स जापान, दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इंबेडेड सेमीकंडक्टर सॉल्यूशंस प्रोवाइडर हैं। हमें भारत में पहला प्लांट लगाने में सफलता मिली है। हम बेंगलुरु, दिल्ली, नोएडा व हैदराबाद में अपनी उपस्थिति बढ़ा रहे हैं। दुनिया का पहला 300 मिलीमीटर कॉमर्शियल सेमीकंडक्टर पाथ हमने ही बनाया था। हमें सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजी की जटिलताओं की अच्छे से जानकारी है। हम भारत के इस सपने को साकार करने में अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और मोदी लॉ को वास्तविकता बनाने पर कार्य करेंगे।
आईमैक से स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप में दिखाई रुचि
सेमीकंडक्टर्स के क्षेत्र में दुनिया के सबसे बड़े रिसर्च एंड डेवलपमेंट हब के तौर पर प्रसिद्ध आईमैक के प्रेसीडेंट व सीईओ, लूकवॉडन हॉल ने कहा कि हम भारत की सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग को बूस्ट करने के लिए तैयार है। आईमैक स्ट्रैटिज साझेदारी के लिए तैयार है। यह केवल भारत नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए जरूरी है क्योंकि एक रिलायबल सप्लाई चेन चाहिए जिसकी कमी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के तौर पर भारत के अलावा कौन प्रस्तुत कर सकता है।