लखनऊ| मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग राज्य आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष, उपाध्यक्ष द्वय और सदस्य गणों के साथ विशेष बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते साढ़े 07 वर्षों में सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों से ओबीसी समाज को मुख्य धारा में स्थान मिला है। ओडीओपी और विश्वकर्मा श्रम सम्मान जैसी योजनाओं के केंद्र में ओबीसी समाज ही है। सरकार की लाभार्थीपरक योजनाएं हों अथवा आरक्षण जैसे संवैधानिक अधिकारों का लाभ, वर्तमान सरकार में ओबीसी समाज पूरा लाभ प्राप्त कर रहा है। आयोग के पदाधिकारियों को जनपदीय प्रवास के दौरान सरकार के प्रयासों/कार्यक्रमों के बारे में समाज से संवाद करना चाहिए। वहां से प्राप्त फीडबैक से मुख्यमंत्री कार्यालय को अवगत कराया जाना अपेक्षित है। यदि कतिपय कारणों से किसी को योजना का लाभ नहीं मिल सका है, तो उनके लिए आयोग द्वारा संस्तुति भी की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों के सापेक्ष वर्तमान सरकार के कार्यकाल में सरकारी नौकरियों के लिए हुई चयन प्रक्रिया में ओबीसी समाज के युवाओं को सर्वाधिक हिस्सेदारी मिली है।
बैठक में मुख्यमंत्री ने आयोग की गतिविधियों को और अधिक जनोपयोगी बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ओबीसी समाज को राष्ट्रवाद की मुख्यधारा से जोड़ते हुए उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए आयोग को सकारात्मक भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कहा कि पिछड़ा वर्ग समाज के युवाओं में बहुत प्रतिभा और मेधा है, आवश्यकता उन्हें मंच देने की है। आयोग को इस दिशा में बेहतर कार्ययोजना के साथ आगे बढ़ने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों को आयोग के कार्यालय में अध्यक्ष सहित सभी पदाधिकारियों के लिए पर्याप्त कक्षों की उपलब्धता कराने तथा आयोग के सुचारु क्रियाकलाप के लिए आवश्यक सभी संसाधन उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए।