केपटाउन | दक्षिण अफ्रीका के रंगभेद विरोधी नेता अहमद कथरादा (87) का मंगलवार को निधन हो गया। दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के खिलाफ भेदभाव को लेकर एक कानून को चुनौती देने पर भी उन्हें एक बार जेल जाना पड़ा था।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, अहमद कथरादा फाउंडेशन ने कहा कि जोहानिस्बर्ग के डोनाल्ड गोर्डन अस्पताल में दिमाग की शल्य चिकित्सा के बाद उनका निधन हो गया। फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक निशान बाल्टन ने कहा, “यह अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस (एएनसी), व्यापक मुक्ति आंदोलन और दक्षिण अफ्रीका के लिए एक बड़ा नुकसान है।”
बाल्टन ने कहा, “अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उनका फिलिस्तीन संघर्ष के लिए समर्थन दृढ़ था। ‘कैथी’ विश्व भर में लाखों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत थे।” अहमद का जन्म 21 अगस्त 1929 में हुआ था। उन्होंने यंग कम्युनिस्ट लीग द्वारा चलाए जाने वाले रंगभेद विरोधी यूथ क्लब में शामिल होकर राजनीति में प्रवेश किया था।
कथरादा ने रंगभेद के खिलाफ लड़ाई में अपनी जिंदगी के 26 साल और तीन महीने जेल में बिताए। इनमें से 18 साल वह रोबेन द्वीप की जेल में भी बंद रहे जहां दक्षिण अफ्रीकी नेता नेल्सन मंडेला को भी कैद में रखा गया था। वह 1994 से 1999 तक राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला के संसदीय सलाहकार रहे। उनके परिवार में उनकी पत्नी बारबरा होगन हैं। बारबरा भी अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस की वरिष्ठ नेता हैं।