नई दिल्ली। पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत के लिए शूटिंग में युवा मनु भाकर ने दो ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया था। तब उन्होंने पहल पदक 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट और दूसरा पदक 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम इवेंट में सरबजोत सिंह के साथ जीता। वह एक ही ओलंपिक में दो मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला प्लेयर बनीं। भाकर की इस साल ध्यानचंद खेलरत्न पुरस्कार के लिए उपेक्षा किए जाने की खबरों के बीच खेल मंत्रालय के एक शीर्ष सूत्र ने कहा है कि अभी नाम तय नहीं हुए हैं और एक हफ्ते में पुरस्कारों का खुलासा होने पर उसका नाम लिस्ट में होगा।
फाइनल लिस्ट में मनु का नाम होने की संभावना
खेल मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा कि अभी आखिरी लिस्ट तय नहीं हुई है। खेलमंत्री मनसुख मांडविया एक या दो दिन में इस पर फैसला लेंगे और फाइनल लिस्ट में मनु का नाम होने की पूरी संभावना है। उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत जज वी रामासुब्रमम की अध्यक्षता वाली 12 सदस्यीय अवॉर्ड कमेटी में भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान रानी रामपाल समेत पूर्व खिलाड़ी भी हैं। मंत्रालय के नियमों के तहत खिलाड़ियों को अपना नामांकन खुद भरने की भी अनुमति है। कमेटी उन नामों पर भी विचार कर सकती है जिन्होंने आवेदन नहीं किया है। मंत्रालय ने दावा किया कि मनु ने आवेदन नहीं किया है।
मनु के पिता बोले-उसने किया है आवेदन
जबकि दूसरी तरफ मनु भाकर के पिता रामकिशन भाकर ने कहा कि उसने आवेदन किया है । उन्होंने कहा कि भारत में ओलंपिक खेलों की कोई अहमियत नहीं है क्योंकि दो ओलंपिक पदक जीतने के बावजूद मनु की खेलरत्न पुरस्कार के लिए उपेक्षा की गई। देश के लिए खेलने और पदक जीतने का क्या फायदा जब सम्मान के लिए हाथ फैलाने पड़े। वह पिछले दो तीन साल से लगातार सारे पुरस्कारों के लिए आवेदन कर रही है और मैं इसका गवाह हूं। इसमें खेलरत्न, पद्मभी और पद्मभूषण सम्मान शामिल है।