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किसान आंदोलन का पंजाब में सुबह से ही असर दिखना शुरू, कई जगहों पर चक्का जाम की घोषणा

चंडीगढ़। किसान आंदोलन का पंजाब में सुबह से ही असर दिखना शुरू हो गया है। सुबह 7 बजते ही पंजाब के तमाम स्टेट और नेशनल हाईवे के अलावा अन्य कई मुख्य सड़कें और रेल मार्ग किसान संगठनों के द्वारा जाम किए गए हैं। पंजाब बंद किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के समर्थन में है। वह 13 प्रमुख कृषि मांगों को पूरा करने के लिए एक महीने से ज्यादा समय से भूख हड़ताल पर हैं। इन मांगों में सभी फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी भी शामिल है।

शिक्षण संस्थानों पर क्या पड़ेगा असर?

पंजाब के ज्यादातर स्कूलों में सर्दियों की छुट्टियां चल रही हैं। वहीं उच्च शिक्षा संस्थानों ने अपने शेड्यूल में बदलाव किया है। पंजाब यूनिवर्सिटी ने शनिवार को एक सर्कुलर जारी कर संबद्ध कॉलेजों को जानकारी दी कि मूल रूप से सोमवार को होने वाले एग्जाम मंगलवार के लिए रिशेड्यूल कर दिए जाएं। इसी तरह अमृतसर में गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी (GNDU) ने घोषणा की कि 30 दिसंबर के लिए तय उसकी ग्रेजुएशन की परीक्षाएं अब 12 जनवरी 2025 को होंगी।

फल और सब्जी बाजार

ट्रक ऑपरेटरों ने किसानों को अपना समर्थन दिए जाने के कारण फल और सब्जियां बेचने वाली मंडियों में बाधा आने के आसार हैं। वहीं, दूध विक्रेताओं ने बंद के दौरान सड़कों पर नहीं उतरने का फैसला किया है। नतीजतन बंद खत्म होने तक दूध की आपूर्ति में देरी या कमी हो सकती है

ट्रांसपोर्ट सर्विस

सार्वजनिक और निजी परिवहन पर काफी असर पड़ेगा। लुधियाना ट्रांसपोर्ट डीलर्स एसोसिएशन और स्टेट ट्रांसपोर्ट डीलर्स एसोसिएशन दोनों ने घोषणा की है कि बसें और अन्य परिवहन सेवाएं सोमवार को शाम 4 बजे के बाद ही फिर से शुरू होंगी। किसान यूनियनों ने हाईवे और लिंक रोड पर 200 से ज्यादा जगहों पर चक्का जाम की घोषणा की है, जिससे आंदोलन और भी ज्यादा मुश्किल हो गया है। राज्य भर में लगभग 50 जगहों पर किसान रेलवे को भी बाधित करेंगे।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH