लखनऊ । उत्तर प्रदेश में 17 वीं विधानसभा चुनाव में देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस के कई नेता पार्टी हाईकमान के निर्देशों और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर से नाराज हैं।
इस बार चुनाव का पूरा प्रबंधन का प्रशांत किशोर के हाथों में रहा। उनके कहने पर ही कांग्रेस ने सपा के साथ तालमेल किया। यह गठबंधन महज 105 सीटों पर ही किया गया।
इसमें भी करीब दर्जन भर सीटें ऐसी रहीं, जिन पर सपा-कांग्रेस आमने-सामने रही। उप्र कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता द्विजेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि यदि पार्टी का यही हाल रहा तो 2019 में भी कांग्रेस को दोबारा हार का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि हाईकमान अपना रवैया बदलने को तैयार नहीं है।