नई दिल्ली। दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार विस्फोट मामले में जांच एजेंसियों को बड़ी सफलता मिली है। उत्तर प्रदेश एटीएस ने इस केस से जुड़े एक और संदिग्ध डॉ. मोहम्मद आरिफ को कानपुर से हिरासत में लिया है। बताया जा रहा है कि वह कार्डियोलॉजी की पढ़ाई कर रहा था। एटीएस की कार्रवाई डॉ. परवेज से पूछताछ के बाद हुई, जिसे मंगलवार शाम गोरखपुर से हिरासत में लिया गया था। पूछताछ में कई अहम सुराग मिलने के बाद एटीएस ने कानपुर में दबिश दी और आरिफ को गिरफ्तार किया। देर रात एनआईए और एटीएस की संयुक्त टीम डॉ. परवेज को लेकर दिल्ली के लिए रवाना हुई।
जांच एजेंसियों को डॉ. परवेज के पास से तीन कीपैड फोन, कुछ इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और धारदार हथियार बरामद हुए हैं। अधिकारियों का कहना है कि इन बरामदियों से परवेज की आतंकी मॉड्यूल में अहम भूमिका की संभावना बढ़ गई है। बताया जा रहा है कि वह डॉ. शाहीन सिद्दीकी का भाई है, जिसे हाल ही में फरीदाबाद में एक आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ होने के दौरान गिरफ्तार किया गया था। फरीदाबाद में हुई उस कार्रवाई में एजेंसियों ने करीब 2,900 किलो विस्फोटक सामग्री जब्त की थी। जांच में खुलासा हुआ है कि यही आतंकी नेटवर्क दिल्ली कार ब्लास्ट से जुड़ा हुआ है।
दिल्ली में यह शक्तिशाली विस्फोट सोमवार शाम करीब 6:52 बजे लाल किले के पास हुआ था, जिससे इलाके में दहशत फैल गई थी। शुरुआती जांच में पाया गया कि कार में उच्च स्तरीय इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) लगाए गए थे। जांच एजेंसियां अब विस्फोटकों के स्रोत का पता लगाने और घटना से पहले उमर उन नबी की गतिविधियों की कड़ी जांच कर रही हैं। डीएनए परीक्षण से यह पुष्टि हो चुकी है कि विस्फोट में मारा गया व्यक्ति उमर उन नबी ही था। फिलहाल इस पूरे मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के हवाले है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली कार ब्लास्ट के बाद जांच एनआईए को सौंपते हुए इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला माना है।




