International

ईरान के राष्ट्रपति का बड़ा बयान, कहा- हम अमेरिका, इजराइल और यूरोप के साथ युद्ध की स्थिति में

ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने शनिवार (27 दिसंबर) को बड़ा बयान देते हुए कहा कि उनका देश इस समय अमेरिका, इजरायल और यूरोप के साथ व्यापक स्तर पर युद्ध जैसी स्थिति का सामना कर रहा है। उनका यह बयान ऐसे समय आया है, जब इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात प्रस्तावित है।

अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, पेजेशकियन ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई की आधिकारिक वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में कहा, “मेरे विचार से हम अमेरिका, इजरायल और यूरोप के साथ युद्ध में हैं। वे नहीं चाहते कि ईरान आत्मनिर्भर बने और अपने पैरों पर खड़ा हो।”

1980 के दशक की जंग से अलग है मौजूदा संघर्ष

ईरानी राष्ट्रपति ने कहा कि 1980 के दशक में इराक के साथ हुए युद्ध की परिस्थितियां स्पष्ट थीं। उस समय मिसाइलें दागी जाती थीं और यह तय होता था कि जवाब कहां देना है। लेकिन आज की स्थिति बिल्कुल अलग है। उन्होंने कहा कि मौजूदा संघर्ष केवल सैन्य नहीं है, बल्कि आर्थिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक और सुरक्षा के हर मोर्चे पर ईरान पर दबाव बनाया जा रहा है। पेजेशकियन के मुताबिक, ईरान को चारों तरफ से घेरने की कोशिश की जा रही है और लगातार नई समस्याएं खड़ी की जा रही हैं।

नेतन्याहू-ट्रंप बैठक से पहले बयान

इस बीच, इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिका दौरे पर जाने वाले हैं, जहां वे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे। रिपोर्टों के मुताबिक, नेतन्याहू इस बैठक में ईरान के खिलाफ संभावित भविष्य की सैन्य कार्रवाई के विकल्पों पर चर्चा कर सकते हैं। पश्चिमी मीडिया में यह भी दावा किया गया है कि ईरान अपने बैलिस्टिक मिसाइल उत्पादन ढांचे को दोबारा सक्रिय कर रहा है और जून में हुए संघर्ष के दौरान क्षतिग्रस्त हुए एयर डिफेंस सिस्टम की मरम्मत कर रहा है। इजरायल ने अमेरिका को यह जानकारी भी दी है कि हालिया ईरानी मिसाइल अभ्यास किसी बड़े हमले की तैयारी का संकेत हो सकता है। इजरायली सेना प्रमुख ने इस आशंका को सीधे अमेरिकी सेंट्रल कमांड के प्रमुख के सामने रखा है।

‘जंग के बाद ईरान और मजबूत हुआ’

पेजेशकियन ने दावा किया कि इजरायल के साथ हुई 12 दिनों की जंग के बाद ईरान पहले से ज्यादा मजबूत हुआ है। उन्होंने कहा कि देश अब उपकरणों और मानव संसाधनों—दोनों के लिहाज से अधिक सशक्त है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर दुश्मन टकराव का रास्ता चुनता है, तो उसे पहले से कहीं अधिक सख्त जवाब मिलेगा।

=>
=>
loading...
BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH