पंजाब सरकार ने बिजली व्यवस्था में व्यापक सुधार शुरू करते हुए राज्य को देश का पहला ऐसा प्रदेश बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है जहां बिजली कटौती नहीं होगी। यह काम ‘रोशन पंजाब’ परियोजना के तहत किया जा रहा है, जिसका नेतृत्व मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान कर रहे हैं। सरकार का मानना है कि यह पहल राज्य की अर्थव्यवस्था को नई मजबूती देगी।
इस परियोजना पर 5,000 करोड़ रुपये से अधिक निवेश किया जा रहा है। लक्ष्य है कि उद्योगों, किसानों और आम उपभोक्ताओं को 24 घंटे निर्बाध बिजली उपलब्ध कराई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली सुधार केवल तकनीकी उन्नयन नहीं, बल्कि पंजाब की आर्थिक प्रगति की मजबूत नींव है।
वर्तमान में पंजाब उन राज्यों में चौथे स्थान पर है जहां उद्योगों को सबसे सस्ती बिजली मिल रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में वोल्टेज में उतार-चढ़ाव की समस्या को खत्म करने पर भी सरकार का विशेष ध्यान है। राज्य के 13 नगर निगम क्षेत्रों में लो-टेंशन नेटवर्क को आधुनिक तकनीक से अपग्रेड किया जा रहा है। अपग्रेडेशन के तहत पुराने तारों को बदला जा रहा है, नीचे लटकती लाइनों को सुरक्षित ऊंचाई पर ले जाया जा रहा है और खुले मीटर बॉक्सों को बदलकर सुरक्षित बनाया जा रहा है। यह मॉडल पहले लुधियाना के पश्चिमी डिवीजन में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सफल रहा था।
उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए मोहाली में 24 घंटे संचालित होने वाला अत्याधुनिक कॉल सेंटर (1912) स्थापित किया गया है, जहां लगभग 180 कर्मचारी लगातार शिकायतों का निवारण कर रहे हैं। इसके अलावा, सरकार ने पहली बार निजी पावर प्लांट गोइंदवाल बिजली घर को खरीदकर इसका नाम श्री गुरु अमरदास जी थर्मल पावर प्लांट रखा है।




