विराट कोहली ने टी-20 में भारतीय टीम की कप्तानी से इस्तीफा दे दिया है। अब नए कप्तान को लेकर कयास लगने शुरू हो गए हैं। रोहित शर्मा को यह जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। यह 2007 विश्व कप के बाद यानी 14 साल में तीसरी बार होगा जब भारतीय टीम के दो कप्तान होंगे। मौजूदा समय में सात देशों की क्रिकेट टीमों के पास अलग-अलग फॉर्मेट में अलग-अलग कप्तान हैं।
2007 से दो-दो कप्तान रखने की शुरुआत हुई
2007 से भारत में अलग-अलग फॉर्मेट में अलग कप्तान के चलन की शुरुआत हुई थी। तब टी-20 विश्व कप से राहुल द्रविड़ समेत कई सीनियर खिलाड़ियों ने किनारा कर लिया था। ऐसे में महेंद्र सिंह धोनी को टी-20 का कप्तान बनाया गया था। उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने विश्व कप जीता। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज के लिए भी धोनी कप्तान बनाए गए। उस वक्त टेस्ट टीम की कप्तानी अनिल कुंबले को सौंपी गई थी। यह भारतीय क्रिकेट में पहली बार था जब एक ही टीम के दो अलग-अलग कप्तान बनाए गए थे। 2008 में कुंबले के संन्यास के बाद धोनी को तीनों फॉर्मेट की कप्तानी सौंपी गई थी।
2014 में कोहली अचानक से टेस्ट कप्तान बने
करीब 7 साल तक धोनी तीनों फॉर्मेट में कप्तानी संभालते। दिसंबर 2014 में धोनी ने ऑस्ट्रेलिया दौरे के बीच टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया। तब विराट कोहली को टेस्ट टीम का नया कप्तान बनाया गया था। हालांकि, धोनी वनडे और टी-20 में कप्तानी करते रहे। जनवरी 2017 में धोनी ने वनडे और टी-20 दोनों फॉर्मेट की कप्तानी से इस्तीफा दे दिया। हालांकि, उन्होंने इन दोनों फॉर्मेट में खेलना जारी रखा। इसके बाद विराट तीनों फॉर्मेट के कप्तान बन गए।
2021 में एक बार फिर दो कप्तान रखे जाएंगे
अब इसे संयोग कह लें या कुछ और, लेकिन सात साल बाद एक बार फिर अलग-अलग फॉर्मेट में भारतीय टीम को अलग कप्तान मिलने वाला है। विराट टेस्ट और वनडे में तो कप्तानी करते रहेंगे, लेकिन टी-20 में अब नया कप्तान चुना जाएगा। इस रेस में रोहित शर्मा का नाम सबसे आगे चल रहा है।
पूर्व क्रिकेटर किरण मोरे, सुनील गावस्कर, मदन लाल और गौतम गंभीर समेत कई दिग्गज खिलाड़ियों ने दो-दो कप्तान रखे जाने का समर्थन किया है। उनका कहना है कि इससे टीम इंडिया में सुधार होगा।
7 देशों में पहले से है दो-दो कप्तान रखने का चलन
मौजूदा क्रिकेट में 12 ऐसे देश हैं, जो टेस्ट, वनडे और टी-20 तीनों फॉर्मेट खेलते हैं। इनमें से सात देशों में क्रिकेट के अलग-अलग फॉर्मेट के लिए अलग-अलग कप्तान रखने का चलन है। इनमें इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, वेस्टइंडीज, बांग्लादेश, श्रीलंका और अफगानिस्तान जैसे देश शामिल हैं। पिछले कुछ सालों में सिर्फ भारत, न्यूजीलैंड और पाकिस्तान ही ऐसे देश थे, जो एक ही कप्तान रख रहे थे। अब भारत भी अलग-अलग कप्तानों वाली फेहरिस्त में शामिल हो गया है।