आगरा। उत्तर प्रदेश के आगरा स्थित जगनेर स्थित प्रजापति ब्रह्मकुमारी आश्रम में शुक्रवार देर रात दो सगी बहनों ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। दोनों बहनों ने आत्महत्या से पहले सुसाइड नोट आश्रम के ग्रुप में भेजे थे। इसे देखकर स्वजन रात भागकर आश्रम पहुंचे,वहां दोनों बहनों के शव छत पर लगे पंखों के हुक से साड़ी के फंदे पर लटके मिले। बहनों ने सुसाइड नोट में आश्रम के चार कर्मचारियों को अपनी मृत्यु का जिम्मेदार ठहराया है। उनके विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।
सुसाइड नोट में दोनों बहनों ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से आरोपियों को आसाराम की तरह उम्रकैद की सजा दिलाने के लिए कहा है। उन्होंने लिखा है,”योगी जी इन आरोपियों को आसाराम बापू की तरह उम्रकैद की सजा दिलाना।”
मृतक बहनों ने आश्रम के चार कर्मियों पर रुपये हड़पने से लेकर अन्य अनैतिक गतिविधियों द्वारा प्रताड़ित करने का आरोप लगाया गया है। एसीपी खैरागढ़ के मुताबिक चारों आरोपी आगरा से बाहर के हैं, जिनमें से दो को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं, दो की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें रवाना कर दी गई हैं। पुलिस के मुताबिक एकता और शिखा ने 8 साल पहले ब्रह्माकुमारी की दीक्षा ली थी। दीक्षा के बाद उनके परिवार ने जगनेर में ब्रह्माकुमारी केंद्र बनवा दिया था जिसमें दोनों रह रही थीं।
मृतक बहनों में से शिखा ने एक पेज का सुसाइड नोट लिखा है, जबकि एकता ने दो पेज का सुसाइड नोट लिखा है। शिखा ने सुसाइड में दोनों बहनों के पिछले एक साल से परेशान होने का जिक्र किया है। सुसाइड नोट में उन्होंने अपनी मौत का जिम्मेदार आश्रम के नीरज सिंघल, धौलपुर के ताराचंद, नीरज के पिता और ग्वालियर के आश्रम में रहने वाली एक महिला को ठहराया है जिसकी जांच पुलिस ने शुरू कर दी है।