लखनऊ। अयोध्या अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए नागरिक उड्डयन विभाग और भारतीय विमानपत्तन बीच भूमि लीज एग्रीमेंट हुआ। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्तमान में 10 नए एयरपोर्ट के लिए कार्रवाई चल रही है। वर्तमान में 3 अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट क्रियाशील हैं। एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट जेवर में युद्धस्तर पर कार्य प्रारम्भ हुआ है। साथ ही जब अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट क्रियाशील हो जाएगा तो 5 अन्तरराष्ट्रीय एयरपोर्ट वाला पहला राज्य होगा और जब 10 नए एयरपोर्ट को हम क्रियाशील करेंगे तो 19 एयरपोर्ट वाला उत्तर प्रदेश देश पहला राज्य होगा। यह रोजगार सृजन और विकास की संभावनाओं को तेजी से बढ़ाने का माध्यम है ही, साथ ही लोगों की यात्रा को सरल, सुलभ और सहज बनाने का कार्य करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2023 में राम मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हो चुका होगा और रामलला विराजमान हो चुके होंगे। हमें मंदिर निर्माण के साथ ही अयोध्या में एयरपोर्ट को क्रियाशील करने की तैयारी करनी चाहिए। इसके लिए राज्य सरकार पूरी तरह से मदद करेगी। यह अर्थव्यवस्था को ऊंचाई तक पहुंचाने का महत्वपूर्ण माध्यम बनेगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज हमारे लिए महत्वपूर्ण दिन है, जब अयोध्या को वायुसेवा से जोड़ने के लिए भूमि लीज एग्रीमेंट राज्य सरकार और भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण के बीच संपन्न हुआ है। आज नवरात्र का भी पावन दिन है। नवरात्र के आयोजन को ऊर्जा के संचार की तिथि माना जाता है। ऊर्जा सकारात्मक विकास का प्रतीक भी है और जब विकास का यह प्रतीक अयोध्या से जुड़ा हो तो पूरी दुनिया को प्रफुल्तित करता है।
उन्होंने कहा कि अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के निर्माण की प्रक्रिया की शुरूआत हुई है। इसके लिए राज्य सरकार और भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण के बीच भूमि एग्रीमेंट होना महत्पूर्ण पहल है। देश के अंदर पांच वर्ष में बेहतरीन वायुसेवा की कनेक्टिविटी के लिए किसी राज्य ने अच्छी प्रगति की है तो उसमें उत्तर प्रदेश एक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने विकास के लिए एयर कनेक्टिविटी को महत्वपूर्ण माना है। प्रधानमंत्री जी का कहना है कि वायुसेवा हवाई चप्पल पहने वाले के लिए उपलब्ध होनी चाहिए। इसी का परिणाम है कि 2017 में केवल दो एयरपोर्ट लखनऊ और काशी पूरी तरह से क्रियाशील थे, आज वर्तमान में 9 एयरपोर्ट क्रियाशील हैं। जहां 2017 तक 25 गंतव्यों तक वायुसेवा दे पा रहे थे, वहीं आज 75 गंतव्य के लिए के लिए वायुसेवा उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि अयोध्या में पहले चरण के लिए जिनती भूमि की आवश्यकता है, उतनी भूमि उपलब्ध करा दी गई है। अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए मात्र 86 एकड़ भूमि बाकी है, इसे भी हम दो तीन महीने में इसके लिए कार्य को आगे बढ़ाएंगे। अयोध्या में एयरपोर्ट निर्माण के लिए भूमि के लिए धनराशि जिला प्रशासन को उपलब्ध करा दी गई है। जितनी भूमि की आवश्यकता होगी उसे उपलब्ध कराएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वायुसेवा की बेहतरीन कनेक्टिविटी विकास के लिए कई द्वार खोलती है। तेजी के साथ प्रदेश में वायुसेवा का विकास हो रहा है। हमलोग अयोध्या को सुंदरतम नगरी के रूप में स्थापित करेंगे।