प्रयागराज। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के आई. क्यू. ए. सी. प्रकोष्ठ, आउटरीच गतिविधि प्रकोष्ठ, तथा मानवविज्ञान विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में दिनाँक 27/09/2024 को स्नातक, परास्नातक, शोधार्थियों और शिक्षकों के 44 सदस्यीय संयुक्त दल ने प्रयागराज की बलकरनपुर ग्राम पंचायत के बलकरनपुर ग्राम में वृहत स्तर पर आउटरीच गतिविधियों और जनजागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। इलाहाबाद विश्वविद्यालय की परम आदरणीय कुलपति महोदया माननीया प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव की प्रबुद्ध प्रेरणा से ऊर्जित और इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा पूर्णतया वित्तपोषित इस आउटरीच कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने गाँव के प्राथमिक विद्यालय, बलकरनपुर में सर्वप्रथम वहाँ पधारे हुए ग्रामीणों और महिलाओं का माल्यार्पण कर उनको अपने आने का उद्देश्य बताया। इसके बाद विभागाध्यक्ष प्रो. राहुल पटेल ने विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित की जाने वाली आउटरीच गतिविधियों के उद्देश्यों से ग्रामीणों को अवगत कराया।
उन्होंने बताया कि मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य, स्वच्छता, टीकाकरण, व्याधियों से बचाव, पर्यावरण संरक्षण, पौधरोपण एवं जल स्रोतों का संरक्षण इस आउटरीच गतिविधि के विशेष बिंदु होंगे जिस हेतु जनजागरूकता रैली, पोस्टर प्रदर्शन, नुक्कड़ नाटक, ट्रांसेक्ट वॉक, फोकस ग्रुप डिस्कशन, सहभागी कार्रवाई अनुसंधान आदि गतिविधियां आयोजित की जानी हैं। विभाग के शिक्षक और दल के सदस्य डॉ शैलेन्द्र मिश्र ने बताया कि विश्वविद्यालय में अर्जित ज्ञान का विद्यार्थी किस तरह से ग्रामीण विकास हेतु सशक्त उपयोग कर सकते हैं और कैसे स्वयं के ज्ञान का वर्धन कर सकते हैं। विभाग के पोस्ट डॉक्टोरल फ़ेलो डॉ संजय द्विवेदी ने अपने संबोधन में ग्रामीणों को महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने और बच्चियों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने पर बल दिया। विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने बच्चों को पौधरोपण हेतु प्रेरित कर विद्यालय में उन बच्चों के हाथों से ही आम और शरीफा जैसे फ़लदार पौधों का रोपण करवाया। तत्पश्चात वहाँ एकत्रित ग्रामीण महिलाओं के हाथों से पौधरोपण का कार्य सम्पन्न कराया गया।
गतिविधियों की अगली कड़ी में सहभागिता करने वाले विद्यार्थियों, शोधार्थियों तथा शिक्षकों ने उपस्थित सभी ग्रामीणों के साथ ट्रांसेक्ट वॉक का आयोजन किया जिसके तहत बलकरनपुर ग्राम के सभी हिस्सों का पैदल भ्रमण किया गया और उसके साथ गांव में उपलब्ध सभी प्राकृतिक संसाधनों, मानवजनित संरचनाओं और जल स्रोतों का खाका खींचा गया। तालाबों और कुओं की स्थिति भी समझने की कोशिश की गई। पोस्टर प्रदर्शन और जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से किये गए उदघोष और नारों के बीच बातचीत कर ग्रामीणों के मन के कौतूहल को विद्यार्थियों ने पूरी ऊर्जा और तन्मयता के साथ शांत करने का पूरा प्रयास किया।
विद्यार्थियों ने गांव के बीचों बीच स्थित चबूतरे पर महिलाओं के स्वास्थ्य और मासिक धर्म की समस्याओं के संदर्भ में समाज में व्याप्त रूढ़िबद्धता को दूर करने के उद्देश्य से एक सशक्त नुक्कड़ नाटक का मंचन किया। नुक्कड़ नाटक की अंतिम पंक्ति में जब माँ ने अपनी पुत्री से कहा “अब मैं भी अपनी बिटिया को झाड़-फूँक करने वाले बाबा की जगह डॉक्टर को दिखाने जाऊँगी” तो सीमेंट से पाट दिए गए कुयें की जगत के चारों ओर खड़ी महिलाओं और बच्चियों ने खूब तालियां बजाई और सहभागियों का उत्साहवर्धन किया। ग्रामीण महिलाओं और पुरुषों दोनों ने ही विद्यार्थियों के प्रयासों को खूब सराहा। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय उनके लिए चिंता करता है और अपने विद्यार्थियों को उनके जीवन में कुछ सुधार करने के लिए भेजा है इसके लिए विश्वविद्यालय के अधिकारियों का बहुत-बहुत धन्यवाद। बुजुर्गों ने उनको फिर से गांव में आने का न्योता दिया ताकि वो अपनी समस्याओं पर और अधिक खुल कर चर्चा कर सकें। राष्ट्रगान के पश्चात ग्रामीणों से 4 अक्टूबर को पुनः आने और उनकी समस्याओं को सुनने के लिए और अधिक समय निकालने के वायदे के साथ आउटरीच गतिविधि दल ने ग्रामवासियों से विदा लिया। विद्यार्थियों ने विभाग में शाम को वापस पहुँचकर विश्वविद्यालय के प्रति अपना आभार व्यक्त किया कि उनको आउटरीच के माध्यम से ग्रामीणों के जीवन के व्यवहारिक पक्ष पर ज्ञान प्राप्त हो सका।
गतिविधियों के दौरान ग्राम प्रधान श्रीमती रीता साहू तथा ग्राम विकास अधिकारी श्री मिथलेश मिश्र का उच्च स्तरीय सहयोग प्राप्त हुआ। पंचायत सचिव और प्राथमिक विद्यालय बलकरनपुर के सहायक शिक्षक श्री अश्वनी कुमार, श्रीमती वंदना मिश्र, श्रीमती अलसबा बानो, सम्मानित ग्रामवासी श्री विमल साहू, श्री संतोष द्विवेदी, डॉक्टर जय प्रकाश गुप्ता, श्री कृष्ण कुमार शुक्ल, अन्य अध्यापकगण एवं बड़ी संख्या में प्राथमिक विद्यालय बलकरनपुर के विद्यार्थी भी उपस्थित रहे और सहभागिता की।