गरीब देशों के धनी लोगो को हम सब ने विकसित देशों में जाकर बसते हुए देखा होगा लेकिन अब विकसित देशों के लोग गरीब देशों में आकर बस रहे है। अमेरिका जैसे धनी देश के अमीर लोग भी दूसरे देशों में जाकर बसना पसंद कर रहे हैं। 2019 में ऐसा करने वाले लोगों की संख्या में 237 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। अगले साल यानी 2020 में इस संख्या में गिरावट आई। लेकिन उसकी वजह कोरोना महामारी के कारण विभिन्न देशों के दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों का ज्यादातर समय बंद रहना बताया गया है।
क्यो जाते है एक देश से दूसरे देश धनी लोग
एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक बीते वर्षों में जो लोग अमेरिका छोड़ कर गए, उनमें ज्यादातर अति-धनी लोग हैं। उनमें से अधिकांश टैक्स बचाने के मकसद से ऐसे देश में गए जहां टैक्स दरें कम हैं। पर्यवेक्षकों का कहना है कि अब जो बाइडेन प्रशासन ने देश में धनी लोगों पर टैक्स बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है। ऐसे में अंदेशा है कि देश छोड़ कर जाने वाले धनी-मानी लोगों की संख्या और बढ़ जाएगी।
इस रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में प्रावधान यह है कि अगर आप वहां के नागरिक हैं, तो आप चाहे कहीं रहते हों, अमेरिका में आपको टैक्स देना होगा। लेकिन कई देश ऐसे हैं, जो अपने उन नागरिकों पर टैक्स नहीं लगाते, जो किसी और देश में जाकर रहते हों। इसलिए अमेरिकी वैसे ही देशों की नागरिकता लेना पसंद कर रहे हैं। इससे वे वहां ना रहते हुए भी वह टैक्स देने से बच जाते हैं, जो अमेरिका के नागरिक के रूप में उन्हें देना पड़ता।
अमेरिका टैक्स विभाग- आईआरएस हर तीन महीने पर उन लोगों की लिस्ट प्रकाशित करता है, जिन्होंने अपनी नागरिकता या ग्रीन कार्ड को त्याग दिया। ताजा विश्लेषण के मुताबिक अमेरिकी नागरिकता छोड़ने वालों की संख्या में बढ़ोतरी 2010 से शुरू हुई। उस साल फॉरेन अकाउंट टैक्स कॉम्पलायंस एक्ट (फाक्टा) पास हुआ था। इस कानून के जरिए विदेशों में रहने वाले अमेरिकियों को टैक्स संबंधी सूचना देने के प्रावधान सख्त कर दिए गए। साथ ही जुर्माने की रकम भी बढ़ा दी गई।
नागरिकता त्यागने की बढ़ रही घटनाओं के बारे में अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कोई टिप्पणी नहीं की है। लेकिन अखबार द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने एक रिपोर्ट में बताया है कि 2020 में जो आंकड़े सामने आए, वे किसी एक साल के नहीं हैं। बल्कि कई लोगों के नागरिकता छोड़ देने संबंधी सूचना देर से आती है। लेकिन जानकारों का कहना है कि अगर लंबी अवधि में भी इतनी बड़ी संख्या में लोगों ने देश की नागरिकता छोड़ी, तो वह भी अमेरिका में बीते एक दशक में बने माहौल का संकेत देता है।