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पाकिस्तान के खिलाफ चार जंग लड़ने वाले सेना के वयोवृद्ध सैनिक हवलदार बलदेव सिंह का निधन

नई दिल्ली। पाकिस्तान के खिलाफ चार जंग लड़ने वाले सेना के वयोवृद्ध सैनिक हवलदार (सेवानिवृत्त) बलदेव सिंह का निधन हो गया है। 93 साल की उम्र में प्राकृतिक कारणों से नौशेरा में स्थित निवास पर बलदेव सिंह का निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ मंगलवार को उनके गांव में किया गया है। सेवानिवृत्त बलदेव सिंह के निधन पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शोक जाहिर किया है। पीएम मोदी ने कहा है कि भारत के प्रति बलदेव सिंह की स्मारकीय सेवा को आने वाले समय में याद रखा जाएगा।

पाकिस्तान के खिलाफ चार युद्ध लड़ने वाले वयोवृद्ध सैनिक हवलदार (सेवानिवृत्त) बलदेव सिंह का 93 वर्ष की उम्र में जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के गृहनगर नौशेरा में सोमवार को उनके आवास पर निधन हो गया। पाकिस्तान के साथ युद्ध के इस महान नायक का जन्म नौनिहाल गांव में 27 सितंबर, 1931 को हुआ था। महज 16 साल की उम्र में उन्होंने 1947-48 में नौशेरा और झंगर की लड़ाई के दौरान 50 पैरा ब्रिगेड के कमांडर ब्रिगेडियर उस्मान के नेतृत्व में बाल सेना बल में शामिल होकर स्वेच्छा से काम किया था। बाल सेना 12 से 16 वर्ष की आयु के स्थानीय लड़कों का एक समूह था, जो पाकिस्तान के साथ युद्ध में भारतीय सेना के लिए ‘डिस्पैच रनर’ के रूप में काम करता था।

तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने युद्ध में शामिल होने वाले बाल सैनिकों में बलदेव सिंह को सम्मानित किया था। बाल सैनिक के रूप में भाग लेने के बाद वह 14 नवंबर, 1950 को भारतीय सेना में शामिल हो गए और 29 वर्षों तक वीरता के साथ सेवा की। इस दौरान वह 1961, 1962 और 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्धों में शामिल हुए। सैन्य प्रवक्ता ने बताया कि अक्टूबर, 1969 में हवलदार पद से सेवानिवृत्त होने के बावजूद सिंह को 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान वापस बुलाया गया और उन्होंने आठ महीने के लिए 11 जाट बटालियन (25 इन्फैंट्री डिवीजन) में सेवा की। अपने पूरे करियर के दौरान सिंह को उनकी सेवा के लिए कई सम्मान मिले।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH