नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 में संशोधन करके उपराज्यपाल की शक्ति में बढ़ोतरी कर दी है। केंद्र सरकार ने पुलिस से लेकर सार्वजनिक व्यवस्था से संबंधित मामलों में उपराज्यपाल को ज्यादा अधिकार मिल जाएंगे और उनके काम करने का दायरा भी बढ़ेगा।
आपको बता दें कि जब से जम्मू कश्मीर का पुनर्गठन हुआ है, तब से वहां चुनाव नहीं हो पाए हैं। मगर जब भी यहां पर सरकार का गठन होगा तब सबसे अधिक शक्तियां राज्यपाल के पास होंगी। ये शक्तियां ऐसी ही हैं, जैसे दिल्ली के एलजी के पास होती है।
उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार के इस निर्णय को लेकर कड़ी आलोचना की है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘एक और संकेत है कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव करीब हैं। यही वजह है कि जम्मू-कश्मीर के लिए पूर्ण, अविभाजित राज्य का दर्जा बहाल करने को लेकर समय सीमा तय करने की दृढ़ प्रतिबद्धता इन चुनाव के लिए एक शर्त है. जम्मू-कश्मीर के लोग शक्तिहीन, रबर स्टैम्प सीएम से बेहतर के हकदार हैं, जिन्हें अपने चपरासी की भी नियुक्ति के लिए एलजी से गिड़गिड़ाना पड़ेगा।