मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख करीब 14 महीने सलाखों के पीछे बिताने के बाद बुधवार को आर्थर रोड सेंट्रल जेल से जमानत पर रिहा हो गए।
अनिल देशमुख को बॉम्बे हाईकोर्ट ने 12 दिसंबर को एक लाख रुपये के मुचलके पर सशर्त जमानत दी थी। लेकिन सीबीआई ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के लिए जमानत पर स्थगन आदेश के लिए एक आवेदन दायर किया था, जिसे बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंजूर कर लिया था और हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते सीबीआई के अनुरोध पर जमानत आदेश पर रोक को 27 दिसंबर तक बढ़ा दिया था। हालांकि, मंगलवार को इसके तीन दिन के और विस्तार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने एनसीपी नेता अनिल देशमुख की जमानत बढ़ाने की मांग वाली याचिका को मंगलवार को खारिज कर दिया था और उनकी जमानत बरकरार रखी थी। इसके साथ ही 100 करोड़ रुपये की वसूली मामले में अनिल देशमुख के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया था।