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आतंक के खिलाफ अमेरिका को बड़ी कामयाबी, ISIS के लीडर उसामा अल-मुजाहिर को मार गिराया

नई दिल्ली। आतंक के खिलाफ अमेरिका को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। अमेरिकी सेना ने इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आइएसआइएस) के लीडर उसामा अल-मुजाहिर को ड्रोन हमले में मार गिराया है। विवार को एक बयान में सेंटकॉम कमांडर जनरल माइकल कुरिल्ला ने कहा कि 7 जुलाई को किए गए हमले में आईएस नेता उसामा अल-मुहाजिर मारा गया।कमांडर ने कहा कि यह हमला एमक्यू-9 रीपर ड्रोन द्वारा किया गया था। जनरल कुरिल्ला के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, “हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि हम पूरे क्षेत्र में आईएस की हार के लिए प्रतिबद्ध हैं।” आईएस केवल एक क्षेत्र के लिए नहीं बल्कि एक बड़े स्तर पर खतरा बनकर उभरा है।

अधिकारियों का कहना है कि इस बात का कोई संकेत नहीं है कि इस हमले के दौरान कोई आम नागरिक मारा गया है, लेकिन अमेरिका और उसके सहयोगी नागरिक के घायल होने की रिपोर्ट का आकलन कर रहे हैं। खास बात यह है कि अमेरिकी सेना ने शुक्रवार को उन्हीं ड्रोनों का इस्तेमाल कर सीरिया में आइएसआइएस के इस आतंकी को मार गिराया, जिन्हें हाल के दिनों में रूसी विमान यूक्रेन में निशाना बना रहे हैं।

अमेरिका के यूनाइटेड स्टेट्स सेंट्रल कमांड ने रविवार को घोषणा की कि उसने दो दिन पहले तीन एमक्यू-9 रीपर ड्रोन का उपयोग करके हवाई हमले में उसामा अल-मुहाजिर को मार गिराया। सेंटकॉम के अनुसार इस हमले में किसी भी आम नागरिक की मौत नहीं हुई है। अमेरिकी कमांडर जनरल माइकल कुरिल्ला ने एक बयान में कहा, ‘हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि हम पूरे क्षेत्र में आइएसआइएस को हराने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अमेरिका ने यह हमला ऐसे वक्त में किया जब रूसी सेना ने ’18 गैर-पेशेवर नजदीकी अमेरिकी ड्रोनों का पीछा किया। इस कारण एमक्यू-9 को असुरक्षित स्थितियों से बचने के लिए प्रतिक्रिया करनी पड़ी।’ अमेरिका के अनुसार 3 एमक्यू-9 ड्रोनों को भी रूसी सेना ने पीछा करके परेशान किया था।

अमेरिकी रक्षा विभाग के एक अधिकारी ने रविवार को एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि तीन रीपर ड्रोन शुक्रवार को आतंकवादियों की तलाश में ऊपर उड़ान भर रहे थे, तभी रूसी बलों ने उन्हें लगभग दो घंटे तक परेशान किया। खतरनाक स्थिति से बचने के लिए ड्रोनों को टालमटोल करने वाली चालें अपनाने के लिए मजबूर होना पड़ा। नाम न छापने की शर्त पर बात करने वाले अधिकारी के अनुसार, एक बार मंजूरी मिलने के बाद, ड्रोन ने अलेप्पो क्षेत्र में मोटरसाइकिल चला रहे मुहाजिर पर हमला करने के बेहद करीब थे। मगर रूसी ड्रोन उनका पीछा कर रहे थे। हालांकि बाद में वह (उसामा अल-मुजाहिर) अलेप्पो के पास ही मारा गया। अल-मुहाजिर मुख्य रूप से देश के पूर्वी हिस्से में काम कर रहा था, क्योंकि यह आतंकवादी समूह सीरिया और इराक के अधिकांश हिस्से पर कब्ज़ा करना चाहता है।

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BRIJESH SINGH
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