पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान शुक्रवार को माता गुजरी जी और छोटे साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह जी व बाबा फतेह सिंह जी की शहादत को समर्पित वार्षिक शहीदी सभा में शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि फतेहगढ़ साहिब के इन बाल वीरों का बलिदान पूरी दुनिया में सम्मान और श्रद्धा के साथ याद किया जाता है। उन्होंने कहा कि इतिहास में ऐसा उदाहरण विरले ही देखने को मिलता है और इस महान शहादत की गाथा आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाना बेहद जरूरी है, ताकि युवा यह समझ सकें कि धर्म और मूल्यों की रक्षा के लिए किस स्तर के बलिदान दिए गए।
माता गुजरी जी और छोटे साहिबजादों की लासानी शहादत को समर्पित यह वार्षिक शहीदी सभा गुरुवार से श्री फतेहगढ़ साहिब में शुरू हुई। यह वही ऐतिहासिक स्थल है, जहां माता गुजरी जी और छोटे साहिबजादों का अंतिम संस्कार किया गया था। सिख इतिहास में इस पवित्र भूमि का विशेष और गौरवपूर्ण स्थान है।
गुरुद्वारा श्री ज्योति स्वरूप साहिब की भूमि को दुनिया की सबसे महंगी धरती के रूप में भी जाना जाता है। मान्यता है कि दीवान टोडर मल जी ने माता गुजरी जी और छोटे साहिबजादों का पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करने के लिए यहां सोने की मुद्राएं बिछाकर यह जमीन खरीदी थी। यह घटना सिख समुदाय के लिए आज भी त्याग, आस्था और बलिदान की अमर मिसाल मानी जाती है।


