पंजाब के लोगों के लिए नए साल पर बड़ी सौगात देते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने स्वास्थ्य विभाग को जनवरी से मुख्यमंत्री स्वास्थ्य योजना शुरू करने की मंजूरी दे दी है। इस योजना के तहत राज्य के प्रत्येक परिवार को सालाना 10 लाख रुपये तक का नकद-रहित इलाज उपलब्ध कराया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना राज्य के लोगों को बिना किसी आर्थिक बोझ के व्यापक और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं देने की दिशा में एक अहम कदम है। उन्होंने इसे सरकार की ऐतिहासिक पहल बताते हुए कहा कि पंजाब देश का पहला राज्य होगा, जहां हर परिवार को 10 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज सुनिश्चित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना और लोगों को गंभीर बीमारियों के इलाज में आर्थिक सुरक्षा देना है। यह योजना सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिसके तहत प्रत्येक नामांकित परिवार सालाना 10 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज करा सकेगा।
योजना के अंतर्गत पंजाब और चंडीगढ़ के सूचीबद्ध सरकारी और निजी अस्पतालों के नेटवर्क में इलाज की सुविधा मिलेगी। इसमें बड़ी सर्जरी, गंभीर बीमारियों का उपचार, आईसीयू, क्रिटिकल केयर और जीवनरक्षक सेवाएं शामिल होंगी। योजना का मुख्य लक्ष्य कैशलेस और पेपरलेस इलाज सुनिश्चित करना तथा द्वितीयक और तृतीयक स्वास्थ्य सेवाओं पर होने वाले भारी खर्च को कम करना है।
इस योजना में अस्पताल में भर्ती होने का खर्च, सर्जरी और अन्य चिकित्सकीय प्रक्रियाएं, आईसीयू और गहन देखभाल सेवाएं, जांच, दवाइयां, स्वीकृत पैकेजों के तहत उपयोग होने वाली सामग्री तथा भर्ती से पहले और बाद के खर्च भी शामिल किए गए हैं। पहले जहां इलाज की सीमा 5 लाख रुपये थी, उसे बढ़ाकर अब 10 लाख रुपये कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि इस योजना का लाभ पंजाब का हर नागरिक उठा सकेगा, चाहे वह सरकारी कर्मचारी हो या पेंशनभोगी। इसके लिए किसी प्रकार की आय सीमा निर्धारित नहीं की गई है। कोई भी नागरिक सरकारी या सूचीबद्ध निजी अस्पताल में मुफ्त इलाज करवा सकेगा।
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि जनहित में इस महत्वाकांक्षी योजना को समयबद्ध और प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं, ताकि राज्य में किसी भी नागरिक को आर्थिक कारणों से इलाज से वंचित न रहना पड़े।


