पूर्वी लद्दाख में अहम इलाकों से पीछे हटने पर राजी होने के बावजूद चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से लगते इलाकों में लगातार इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कार्य कर रहा है।
हांगकांग पोस्ट के अनुसार, यह भारत के प्रति चीन के असली मंसूबों को दिखाता है जबकि वह तनाव वाले इलाकों से सैनिकों की वापसी पर कई दौर की सैन्य स्तरीय बातचीत कर चुका है। पीएलए द्वारा निर्माण कार्यों की शुरुआत इस साल से देखे जा रहे हैं और अगस्त 2021 में सैटेलाइट तस्वीरों द्वारा भी इन्हें देखा गया। इसके अनुसार, चीन देपसांग के पास सड़क का निर्माण कर रहा है। एलएसी के पास हो रहे इस सड़क निर्माण से चीन की पीएलए की आवाजाही और आसान हो जाएगी। पोस्ट के अनुसार, तनाव के बीच सामान्य संबंधों की बहाली के लिए चीन की बातचीत की पेशकश एक धोखा है और कूटनीतिक और सैन्य बातचीत के बीच भारत के खिलाफ अपने को मजबूत बनाने की ही कोशिश कर रहा है।
भारत के एयरबेस से महज 24 किमी दूर
हांगकांग पोस्ट के मुताबिक देपसांग के पास चीन जिस सड़क का निर्माण कर रहा है, वह भारत के दौलत बैग ओल्डी एयरबेस से महज 24 किमी दूर है। चीन इस सड़क निर्माण को तियानवेंडियन राजमार्ग का विस्तार बता रहा है। अगस्त में सैटेलाइट से मिली तस्वीरों के बाद चीन से तनाव एक बार फिर बढ़ गया है। 17 अगस्त 2021 की सैटेलाइट तस्वीरों से साफ है कि चीन एलएसी के पास पश्चिमी क्षेत्र के साथ-साथ देपसांग मैदानों के पास बुनियादी ढांचे को मजबूत कर रहा है। इन तस्वीरों से साफ है कि देपसांग के मैदानी इलाकों की ओर जाने वाली तियानवेंडियन राजमार्ग पर मरम्मत, चौड़ीकरण का काम हो रहा है। देपसांग मैदानों में चीन की हरकतें इस वजह से भी ज्यादा चिंताजनक हैं क्योंकि यह भारत के डीबीओ और काराकोरम दर्रे के काफी पास है।
अक्साई चीन में खुद को बना रहा मजबूत
यही नहीं, चीन अक्साई चीन में भी इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत कर रहा है। वहां भी ड्रैगन पुरानी सड़कों की मरम्मत के साथ नई सड़कों का निर्माण कर रहा है। अक्साई चीन पर चीन का अवैध कब्जा है।