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50 साल के हुए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, जानिए उनके जीवन से जुड़ी दिलचस्प बातें

लखनऊ। 5 जून 1972 को उत्तराखंड के गढ़वाल में जन्में योगी आदित्यनाथ आज अपना 50 वां जन्मदिन मना रहे हैं। सुबह से ही सोशल मीडिया पर उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई बड़े नेताओं ने सीएम योगी आदित्यनाथ को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी हैं।  योगी आदित्यनाथ का असली नाम अजय सिंह बिष्‍ट है। इनके पिता का नाम आनन्द सिंह बिष्ट है जो एक फॉरेस्ट रेंजर थे। इनकी मां का नाम सावित्री देवी है। अपनी माता-पिता के सात बच्चों में तीन बड़ी बहनों व एक बड़े भाई के बाद ये पांचवें थे एवं इनसे और दो छोटे भाई हैं। राजनीति के माहिर खिलाड़ी माने जाने वाले योगी आदित्यनाथ गढ़वाल विश्विद्यालय से गणित में बीएससी की डिग्री हासिल कर चुके हैं।

योगी अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। वे लव जेहाद, तीन तलाक और धर्मांतरण को लेकर दिए बयानों के चलते हमेशा विवादों में रहे हैं। आदित्यनाथ गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर के पीठाधीश्वर भी हैं। वे एक ऐसे नेता हैं जिन्होंने हिन्दुत्व के मुद्दे पर न सिर्फ यूपी बल्कि पूरे देश में अलग पहचान बनाई है। 15 फरवरी 1994 को नाथपंथ के विश्व प्रसिद्ध मठ श्री गोरक्षनाथ मंदिर गोरखपुर के गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवैद्यनाथ महाराज ने योगी आदित्यनाथ को अपना उत्तराधिकारी शिष्य घोषित कर उनका दीक्षाभिषेक कर दिया। साल 1998 में महन्त अवैद्यनाथ ने राजनीति से संन्यास की घोषणा कर दी और योगी आदित्यनाथ सांसद चुने गए। तब इनकी उम्र केवल 26 वर्ष थी। वे बारहवीं लोक सभा (1998-99) के सबसे युवा सांसद थे। 1999 में ये गोरखपुर से पुनः सांसद चुने गए। 2004 में तीसरी बार लोकसभा का चुनाव जीता। 2009 में ये 2 लाख से ज्यादा वोटों से जीतकर लोकसभा पहुंचे। 2014 में पांचवी बार एक बार फिर से दो लाख से ज्यादा वोटों से जीतकर ये सांसद चुने गए।

साल 2014 में गोखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ की मौत के बाद वे यहां के महंत यानी पीठाधीश्वर चुन लिए गए। राजनीति के मैदान में आते ही योगी आदित्यनाथ ने सियासत की दूसरी डगर भी पकड़ ली, उन्होंने हिंदू युवा वाहिनी का गठन किया और धर्म परिवर्तन के खिलाफ मुहिम छेड़ दी। उन्होंने कई बार विवादित बयान भी दिए, लेकिन दूसरी तरफ उनकी राजनीतिक हैसियत बढ़ती चली गई। हिंदुत्व एजेंडे की राजनीति करने वाले योगी के बारे में गोरखपुर में उनके समर्थक अक्सर नारा लगाते हैं कि ‘गोरखपुर में रहना है तो योगी-योगी कहना होगा।’ ‘साल 2007 में गोरखपुर में दंगे हुए तो योगी आदित्यनाथ को मुख्य आरोपी भी बनाया गया। योगी की गिरफ्तारी भी हुई और इस पर काफी हंगामा भी हुआ।

योगी के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें:

नाश्ते में दलिया खाना पसंद करते हैं योगी:
योगी आदित्यनाथ सुबह नौ बजे के करीब नाश्ता करते हैं। वे नाश्ते में दलिया हर रोज खाते हैं। इसके अलावा सीजनल फल, उबले चने और मूंग खाते हैं। उनके नाश्ते में पपीता जरूर होता है, क्येांकि उन्हें ये बेहद पसंद है। आखिर में वे एक गिलास दूध जरूर पीते हैं।

दोपहर का भोजन स्किप करते हैं योगी:
योगी आदित्यनाथ सुबह में भरपूर नाश्ता करने के बाद क्षेत्र में निकल जाते हैं। । दिन के समय वो जनता की समस्याएं सुनते हैं और उसके बाद रात को ही खाना खाते हैं। आदित्यनाथ रात में चार रोटी और दाल खाते हैं। इसके साथ ही रात के खाने में सब्जी और खीर भी शामिल होती है। इसके बाद वो कुछ देर अध्ययन करने के बाद सो जाते हैं।

जब योगी पर हुआ जानलेवा हमला:
7 सितंबर 2008 को सांसद योगी आदित्यनाथ पर आजमगढ़ में जानलेवा हिंसक हमला हुआ था। इस हमले में वे बाल-बाल बचे थे। यह हमला इतना बड़ा था कि 100 अधिक वाहनों को हमलावरों ने घेर लिया और लोगों को लहुलुहान कर दिया।

जब संसद में रो पड़े थे योगी आदित्यनाथ:
योगी आदित्यनाथ एक बार लोकसभा में यूपी पुलिस की बर्बरता का वर्णन करते हुए रो पड़े थे। वर्ष 2006 में लोकसभा में पुलिस की प्रताड़ना का जिक्र करते हुए योगी रोने लगे थे, तब मुलायम सिंह यादव यूपी के सीएम थे। 2006 में गोरखपुर से बीजेपी सांसद योगी आदित्यनाथ ने अपनी बात रखने के लिए लोकसभा अध्यक्ष से विशेष अनुमति ली थी। तब पूर्वांचल के कई कस्बों में सांप्रदायिक हिंसा फैली थी। जब आदित्यनाथ अपनी बात रखने के लिए खड़े हुए तो फूट-फूट कर रोने लगे।

गौशाला में भी बिताते थे वक्त
गोरखनाथ मंदिर प्रांगण में एक बड़ी से गौशाला है। यहां सैकड़ों गाय हैं। बताया जाता है कि जब भी वे गोरखपुर में होते हैं तो दिन में एक-दो बार गौशाला जरूर जाते हैं। गायों को अपने हाथ से चारा खिलाते हैं। गौ सेवा वह आज भी करते हैं।

 

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH