लखनऊ। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने हिंदू युवा वाहिनी की सभी इकाइयों को भंग कर दिया है। अब इस संगठन की सभी इकाइयां खत्म हो गई हैं। योगी आदित्यनाथ ने पहले ही इस संगठन को भंग करने का निर्देश दे दिया था, लेकिन छिटपुट तौर पर इसकी कई इकाइयां काम कर रही थी आज के बाद से अब हिंदू युवा वाहिनी जैसा कोई संगठन नहीं होगा, इसे पूरी तरीके से खत्म माना जाएगा। आपको बता दें कि देशभर में 20 से ज्यादा सनगाथं इसी नाम से बन गए थे। संगठन के नाम पर ही गलत काम किए जा रहे थे। अब इन संगठनों को चिह्नित कर कार्रवाई की जाएगी, जिसके बाद नए सिरे से गठन किया जाएगा।
योगी ने ‘हिंदुत्व और राष्ट्रवाद’ को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 2002 में राम नवमी पर हिंदू युवा वाहिनी की स्थापना की थी। बाद के वर्षों में, इसने उत्तर प्रदेश में उनके राजनीतिक उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस संगठन की शुरुआत गोरखपुर में करीब 20 साल पहले हुई थी। खुद योगी आदित्यनाथ का गोरखपुर से गहरा संबंध रहा है। वह न सिर्फ गोरखपुर मठ के महंत हैं बल्कि वहां से सांसद भी चुने जा चुके हैं। योगी आदित्यनाथ का महंत बनना और गोरखपुर से राजनीति में आना हिंदू यूवा वाहिनी की वजह से यह संभव हो पाया। वर्ष 2022 के चुनाव में युवा हिंदू वाहिनी ने पूरी जोश के साथ चुनाव प्रचार में जुटते हुए बीजेपी के उम्मीदवारों के पक्ष में खूब चुनाव प्रचार किया। यहां तक कि पिछले चुनाव में भी इस संगठन ने अहम भूमिका निभाई थी।