लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक उथल पुथल के बावजूद प्रदेश के वित्तीय प्रबंधन में भी लोहा मनवाया है। वैश्विक महामारी कोरोना के बावजूद उन्होंने बिना कोई नया कर लगाए सरकार का राजस्व बढ़ाया है। राज्य सरकार को पिछले साल मई के सापेक्ष इस साल मई में 5865.86 करोड रुपए की अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। सरकार को सबसे अधिक राजस्व जीएसटी, वैट, आबकारी, स्टाम्प और निबन्धन, परिवहन, भू-तत्व और खनिकर्म में मिला है।
सीएम योगी ने हाल ही में अपने दूसरे कार्यकाल का पहला बजट 6,15,518.97 रुपए पेश किया था। यह वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए अखिलेश यादव सरकार द्वारा प्रस्तुत 3,46,935 करोड़ रुपए के बजट के आकार से लगभग दोगुना था। सीएम योगी ने एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था की ओर मजबूत कदम बढ़ाया है। उन्होंने 2017 से साल दर साल बजट में बढ़ोतरी करते हुए आर्थिक प्रबंधन की दिशा में ‘मास्टर स्ट्रोक’ लगाया है।
सरकार को मुख्य कर-करेत्तर राजस्व वाले मदों में वित्तीय वर्ष 2022-23 के मई माह में 14,139.62 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है, जबकि पिछले साल मई में 8,273.76 करोड़ रुपए का राजस्व मिला था। इस प्रकार 5,865.86 करोड़ अधिक राजस्व मिला है। जीएसटी में इस साल मई में 4957.30 करोड़ रुपए राजस्व मिला है, जबकि पिछले साल मई में 2771.32 करोड़ रुपए ही मिले थे। यानी जीएसटी में डेढ़ गुना अधिक राजस्व मिला है। इसी तरह वैट में इस साल मई में 2702.30 करोड़ रुपए की राजस्व प्राप्ति हुई, जबकि पिछले साल मई में 2286.63 करोड़ रुपए मिले थे।
स्टाम्प और निबन्धन में तीन गुने से अधिक मिला राजस्व
आबकारी के तहत इस साल मई में 3414.00 करोड़ की राजस्व प्राप्ति हुई, जबकि पिछले साल मई में 2138.91 करोड़ रुपए ही मिले थे। आबकारी में भी सरकार को पिछले साल की अपेक्षा डेढ़ गुने से अधिक राजस्व मिला है। स्टाम्प और निबन्धन विभाग को इस साल मई में 2021.52 करोड़, जबकि पिछले साल मई में 625.85 करोड़ रुपए का ही राजस्व मिला था। इस तरह स्टाम्प और निबन्धन में सरकार को तीन गुने से अधिक राजस्व मिला है।
परिवहन में दोगुने से अधिक मिला राजस्व
परिवहन के तहत इस साल मई में 793.41 करोड़ रुपए का राजस्व मिला है, जबकि पिछले साल मई में 314.83 करोड़ रुपए मिले थे। सरकार को परिवहन में दोगुने से अधिक राजस्व मिला है। भू-तत्व और खनिकर्म के तहत इस साल मई में 251.09 करोड़ रुपए राजस्व मिले हैं, जबकि पिछले साल मई में 136.22 करोड़ रुपए ही मिले थे। भूतत्व और खनिकर्म को पिछले साल की अपेक्षा लगभग दोगुने राजस्व मिला है।