सात जवान लापता
नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों द्वारा सेना पर किए गए इस साल के सबसे बड़े हमले में 24 जवान शहीद हो गए हैं। बताया जा रहा है कि सुकमा में चिंतागुफा के पास नक्सलियों ने घात लगाकर सीआरपीएफ की टीम पर हमला किया। करीब 300 नक्सलियों ने सीआरपीएफ की टीम पर हमला किया था।
इस हमले के बाद मुख्यमंत्री रमन सिंह ने दिल्ली जाने की योजना को टालते हुए रायपुर में आपातकालीन बैठक बुलाई है। वहीं गृह राज्यमंत्री हालात का जायजा लेने के लिए मंगलवार को रायपुर जाएंगे।
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यह घटना सोमवार सुबह दोपहर डेढ़ बजे की है। बताया जा रहा है कि सीआरपीएफ की 74वीं बटालियन रोड ओपनिंग के लिए निकली थी। इस दौरान नक्सलियों ने सीआरपीएफ की टीम पर हमला किया।
सीआरपीएफ की अधिकारी ने बताया है कि नक्सलियों के साथ हुए एनकाउंटर में सीआरपीएफ के 24 जवान शहीद हो गए हैं और सात जवान घायल है।
वहीं छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में दस किलो विस्फोटक बरामद किया गया है। यह विस्फोटक नक्सलियों द्वारा लगाया गया था। बम निरोधक दस्ते ने इस विस्फोटक को निष्क्रिय कर दिया है।
बड़ी नक्सली वारदातें एक नजर में
11 मार्च 2017: को सुकमा जिले में नक्सली हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 11 जवान शहीद हुए थे। जवान इस इलाके में अवरुद्ध सड़कों को खाली करने के काम में जुटे थे, तभी उनपर घात लगाकर हमला किया गया।
– 11 मार्च 2014: टाहकवाड़ा में सीआरपीएफ की टीम पर हमला किया था, जिसमें 16 जवान शहीद हो गए थे।
-सितम्बर 2005: गंगालूर रोड पर एंटी-लैंडमाइन वाहन के ब्लास्ट – 23 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे।
– जुलाई 2007: एर्राबोर अंतर्गत उरपलमेटा एम्बुश में 23 सुरक्षाकर्मी मारे गए।
– अगस्त 2007: तारमेटला में मुठभेड़ में थानेदार सहित 12 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए।
– 12 जुलाई, 2009: जिला राजनांदगांव में एम्बुश में पुलिस अधीक्षक वीके चौबे सहित 29 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए। इसी प्रकार नारायणपुर के घौडाई क्षेत्र अंतर्गत कोशलनार में 27 सुरक्षाकर्मी एम्बुश में मारे गए थे।
– 6 अप्रैल 2010: ताड़मेटला में सीआरपीएफ के 76 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए।