पाकिस्तानः पहली बार सर्वशक्तिमान सेना के सामने किसी सरकार ने आवाज उठाने की जुर्रत की है। मामला है आईएसआई चीफ की नियुक्ति को लेकर। दरअसल, पाकिस्तानी सेना ने एक हफ्ते पहले ही आईएसआई चीफ फैज हमीद को हटाने और उनकी जगह नदीम अहमद अंजुम को नया प्रमुख बनाने का एलान किया था। हालांकि, जनरल कमर जावेद बाजवा के नेतृत्व वाली सेना की ओर से यह घोषणा होने के बावजूद पीएम इमरान खान ने नदीम अंजुम को आईएसआई चीफ बनाने का फैसला नहीं लिया।
पीएम इमरान ने जनरल बाजवा को दिया स्पष्ट संदेश
पाकिस्तानी सेना और सरकार के बीच यह टकराव तब और स्पष्ट हो गया, जब इमरान खान की पार्टी- पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के चीफ व्हिप ने पीएम इमरान खान के रुख के बारे में पाकिस्तानी मीडिया ग्रुप द डॉन को बताया। उन्होंने कहा कि पीएम इमरान खान ने इस मुद्दे पर जनरल बाजवा को स्पष्ट संदेश दे दिया है कि वे कुछ और महीने फैज हमीद को आईएसआई चीफ बनाए रखना चाहते हैं। उन्होंने अपनी इस मांग के पीछे पड़ोसी अफगानिस्तान में पनपे हालात को मुख्य वजह बताया।
पाकिस्तान के सूचना मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने कहा है कि आईएसआई के डीजी लेफ्टिनेंट नदीम अहमद अंजुल की नियुक्ति का मामला सुलझा लिया गया है। उन्होंने इस टकराव को और बढ़ाते हुए कहा कि पाकिस्तान के संविधान के मुताबिक, खुफिया एजेंसी में नियुक्ति की ताकत प्रधानमंत्री के पास है।
इमरान ने कैबिनेट के सामने खुद को बॉस बताया
इमरान खान की पार्टी के चीफ व्हिप आमिर डोगर ने बताया कि पीएम पूरे कैबिनेट के सामने कह चुके हैं कि वही इस देश के चुने हुए प्रधानमंत्री और मुख्य कार्यपालक हैं। उन्होंने कहा कि इसी सिलसिले में इमरान खान ने सोमवार रात को सेना प्रमुख जनरल बाजवा से मुलाकात की और उन्हें अपनी राय बताई।
सेना-सरकार के टकराव पर घबराए हैं हुक्मरान
पाकिस्तानी मीडिया पर पाकिस्तानी सेना बनाम इमरान खान को लेकर चर्चाएं काफी जोरों पर हैं। कैबिनेट मंत्री फवाह हुसैन बुधवार को जब इस मामले पर स्पष्टीकरण देने आए, तो इशारों-इशारों में उन्होंने इस तनाव को भी सामने रख दिया। हुसैन ने कहा कि न तो पीएम कोई ऐसा कदम उठाएंगे, जिससे सेना का सम्मान कम हो और न ही सेना ऐसा कुछ करेगी। हालांकि, वे बार-बार यही दोहराते रहे कि आईएसआई प्रमुख की नियुक्ति का अधिकार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के पास है।