नई दिल्ली। ज्यादातर लोग इस बात से सहमत हैं कि हमें दिन में औसतन 8 गिलास पानी पीना चाहिए, लेकिन पानी की यह मात्रा कई बातों पर निर्भर करती है, जैसे कि लिंग, उम्र, शारीरिक गतिविधियों का स्तर और पार्यावरण। चिकित्सा विशेषज्ञ बताते हैं कि जिस व्यक्ति की दोनों किडनी ठीक काम कर रही हों, उसे दिन में अपने शरीर के वजन के अनुपात में प्रति एक किलोग्राम पर 30 मिलीलीटर पानी पीना चाहिए।
एक सीनियर डाक्टर ने बताया कि जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती जाती है, हम पानी पीना कम कर देते हैं, लेकिन आवश्यक मात्रा में पानी पीना हमारे शरीर के लिए बेहद आवश्यक है। उन्होंने बताया कि किडनी का रोग होने पर ज्यादा पानी पीने से किडनी को कोई फायदा नहीं होता, बल्कि डॉक्टर पानी पीने की सीमा तय कर सकता है।
जब तक किडनियों की कार्यप्रणाली 10 से 15 मिलीलीटर प्रति मिनट से कम न हो जाए, तो आम तौर पर होमियोस्टेटिक मैकनिज्म के जरिए सोडियम और इंट्रावस्कुलर वोल्यूम बैलेंस बना रहता है। उन्होंने बताया कि उल्टी, डायरिया, ड्यूरेटिक या हायपोवोल्मिया होने पर गुर्दो की कार्यप्रणाली कमजोर पड़ सकती है। उल्टी या दस्त के कारण शरीर में कम हुई तरलता की भरपाई के लिए ऐसे मरीजों को अधिक पानी की जरूरत होती है।
आपकी शारीरिक गतिविधियां आपके पानी की मात्रा तय करती हैं। जैसे, अगर आप कसरत करते हैं तो आपके शरीर से पसीने के जरिए ज्यादा पानी निकलेगा और आपको उसकी पूर्ति के लिए ज्यादा पानी पीना होगा। आधे घंटे की कसरत के बाद एक या दो गिलास अतिरिक्त पानी उसकी भरपाई कर देंगे। अगर आप ज्यादा समय के लिए या गर्म माहौल में कसरत कर रहे हैं तो आपको कम से कम तीन गिलास अतिरिक्त पानी पीना चाहिए।
वह कहते हैं कि आपके माहौल पर आपके पानी की जरूरत पर असर करता है। गर्म मौसम में पसीने की वजह से जाने वाले पानी की पूर्ति के लिए ज्यादा पानी पीना चाहिए। ऊंचाई पर रहने वाले लोगों को भी ज्यादा पानी पीना चाहिए, क्योंकि ऑक्सीजन की कमी होने की वजह से सांस ज्यादा तेजी से चलती है और उस दौरान नमी का ज्यादा नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि माहौल कैसा भी हो, सभी को गर्मी में अधिक पानी पीना चाहिए, क्योंकि गर्मी और घर से बाहर बिताए ज्यादा समय की वजह से शरीर से पानी काफी मात्रा में कम हो जाता है।