HealthTop News

संपादकीय विशेष लेख: कैंसर से मुक्ति का विज्ञान – डॉ. नवल कुमार वर्मा की नई दृष्टि से जीवन का पुनर्जन्म

डॉ. नवल कुमार वर्मा, वैश्विक होम्योपैथिक वैज्ञानिक, वेलनेस दार्शनिक और Rejoice Health Foundation के ग्लोबल प्रेसिडेंट हैं। उनका मानना है कि कैंसर कोई अचानक होने वाली बीमारी नहीं, बल्कि जीवन के संतुलन के धीरे-धीरे टूटने की कहानी है।

जब कोशिका थक जाती है – वहीं से शुरू होती है बीमारी की कहानी

कैंसर हमारे शरीर की थकी हुई, असंतुलित कोशिकाओं की बगावत है। आधुनिक जीवनशैली ने इंसान को मशीन बना दिया है। वह दौड़ता है लेकिन आराम नहीं करता,खाता है पर पचाता नहीं,सोता है पर मन शांत नहीं रहता।जब शरीर, भोजन और मन तीनों का संतुलन बिगड़ जाता है, तब कोशिकाएँ विरोध करने लगती हैं। यही विरोध कैंसर के रूप में सामने आता है।

आधुनिक कारण विज्ञान की नजर से जीवन की अव्यवस्था तक

1. अस्वास्थ्यकर भोजन: प्रोसेस्ड फूड, रिफाइंड ऑयल और ट्रांस फैट का अत्यधिक सेवन।
2. औषधि-निर्भर जीवन: बार-बार एंटीबायोटिक और स्टेरॉयड का प्रयोग।
3. मानसिक असंतुलन: गुस्सा, चिंता और नकारात्मक सोच से कोशिकाएँ ऑक्सीजन खो देती हैं।
4. नींद की कमी: देर रात तक काम और स्क्रीन लाइट शरीर की प्राकृतिक घड़ी को बिगाड़ती है।
5. विषाक्तता: रासायनिक खाद, कीटनाशक और प्लास्टिक शरीर में धीरे-धीरे जमा होते हैं।
6. मोटापा और निष्क्रियता: वसा कोशिकाएँ कैंसर कोशिकाओं के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करती हैं।

डॉ. नवल का मंत्र जीवन को वापस विज्ञान से जोड़ो

डॉ. नवल कहते हैं, “कैंसर शरीर की नहीं, बल्कि जीवनशैली की बीमारी है। जब तक हम जीवन को विज्ञान की धारा में नहीं लौटाते, तब तक कोई दवा स्थायी उपचार नहीं दे सकती।

उनका “Dr. Naval’s Protocol of Prevention” पाँच स्तंभों पर आधारित है:

1. भावनात्मक शुद्धि और ध्यान (Mind Detoxification)
2. भोजन को औषधि बनाना (Food as Medicine)
3. सूर्य की गति के अनुसार आहार (Circadian Nutrition)
4. शरीर से विषाक्त पदार्थ निकालना (Cellular Detox)
5. कोशिकाओं की ऊर्जा पुनः सक्रिय करना (Metabolic Rejuvenation)

भोजन जो कवच बने कैंसर-रोधी सुपरफूड्स

Antioxidant Foods:

आंवला, हल्दी, बेरीज़ और ग्रीन टी कोशिकाओं को क्षति से बचाते हैं।

Detoxifying Foods:

धनिया, तुलसी, गिलोय, बीट्रूट, गाजर और दही शरीर को साफ रखते हैं और इम्यूनिटी बढ़ाते हैं।

Anti-Inflammatory Foods:

अलसी, अखरोट और मोरिंगा हार्मोनल संतुलन बनाए रखते हैं और सूजन को कम करते हैं।

मन की शांति सबसे बड़ी औषधि

डॉ. नवल के शोध में पाया गया कि लगभग 90 प्रतिशत कैंसर रोगियों में तनाव, अपराधबोध या निराशा की गहरी परत होती है।
ध्यान, योग, प्राणायाम और संगीत चिकित्सा कोशिकाओं में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ाते हैं और “स्वयं उपचार जीन” (Self-Healing Genes) को सक्रिय करते हैं।

जब दवाएँ बेअसर हो जाती हैं

लंबे समय तक कीमोथेरेपी, एंटीबायोटिक या स्टेरॉयड लेने से शरीर की प्राकृतिक प्रतिरक्षा स्मृति कमजोर हो जाती है। ऐसे में कोशिकाएँ औषधियों को पहचानना बंद कर देती हैं। डॉ. नवल के अनुसार, होम्योपैथी, पोषण और डिटॉक्स का समन्वय भविष्य की चिकित्सा का मार्ग है।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता और चिकित्सा का भविष्य

अब AI तकनीक व्यक्ति के जीनोमिक प्रोफाइल और मेटाबोलिक पैटर्न का विश्लेषण कर यह अनुमान लगा सकती है कि किस व्यक्ति में कैंसर का खतरा अधिक है और कौन-सी जीवनशैली उसे सुरक्षित रख सकती है। यही “Precision Wellness” का युग है, जहाँ इलाज से पहले रोकथाम को प्राथमिकता दी जा रही है।

डॉ. नवल का वैश्विक संदेश

कैंसर का अंत दवा से नहीं, बल्कि जागरूकता, भोजन और आत्मशांति से शुरू होता है।यदि हर व्यक्तिसूर्य के समय पर भोजन करे,
मिट्टी से जुड़ा भोजन खाए,शुद्ध जल पिए औरमन को शांत रखे तो कैंसर हमारे युग का अंत नहीं, बल्कि एक नए स्वास्थ्य विज्ञान की शुरुआत बनेगा।

=>
=>
loading...
BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH