गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर शैक्षणिक संस्थानों से सरकार की योजनाओं को लागू करने का माध्यम बनने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हमेशा कोई समाज या वर्ग तब पिछड़ता है जब उसे व्यवस्था और शासन की योजनाओं की जानकारी नहीँ होती है । इसलिए कालेजों ,महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों को शासन की योजनाओं को लागू करने का माध्यम बनना पड़ेगा क्योंकि इन्ही शैक्षणिक संस्थानों से निकलने वाले छात्र/छात्राएं इस योजनाओं का एक समय क्रियान्वयन करेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ,मंगलवार को अंतरर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विश्व महिला दिवस पर इस वर्ष का थीम ‘स्थायी कल के लिए लैंगिक समानता’ है। उन्होंने कहा कि आपको जानकर आश्चर्य होगा कि दुनिया के अंदर महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए किस हद तक आंदोलन करना पड़ा। महिलाओं को वोटिंग का अधिकार नही था । इसको लेकर दुनिया के तमाम देशों में आंदोलन हुए हैं। लेकिन भारत में जिस दिन चुनाव प्रारंभ हुआ, उसी दिन से महिलाओं को मत देने का अधिकार मिला। भारत का पहला आम चुनाव 1952 में हुआ और पहले चुनाव से देश के हर वयस्क, चाहे वह महिला हो या पुरुष बिना किसी भेदभाव के मतदान का अधिकार मिला। लेकिन दुनिया के कई देशों में महिलाओं को वोट देने का अधिकार भारत के बाद मिला ।यहाँ तक कि आधुनिक लोकतंत्र के जनक इंग्लैंड में भी भारत के बाद महिलाओं को वोट देने का अधिकार मिला। इसका मतलब है कि भारत में महिलाओं के प्रति समानता का भाव पहले से ही रहा है। भारत ने जब अपना संविधान अंगीकार किया तो उसका महत्वपूर्ण भाव था कि किसी भी व्यक्ति के साथ जाति, मजहब, पंथ, लिंग या भाषा के आधार पर कोई भेदभाव नही करेगा। समता और स्वतंत्रता भारत के संविधान की आत्मा का मूल हिस्सा रहा है। लेकिन इस सबके बावजूद यह प्रक्रिया बहुत अच्छे ढंग से आगे नही बढ़ पायी होगी, जिसके कारण बहुत से जगहों से शिकायतें मिली । इसलिए हम कहते हैं कि केन्द्र व प्रदेश सरकार की महिलाओं के कल्याण, सम्मान और उनके स्वावलंबन से जुड़ी योजनाओं की जानकारी होनी चाहिए। जब तक महिलाएं इन योजनाओं से नहीँ जुड़ेंगी तब तक उनके विकास का मार्ग प्रशस्त नहीँ होगा।
महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन महिला सशक्तिकरण का मार्ग प्रशस्त करेगा। उन्होंने कहा कि 2014 में मोदी जी प्रधानमंत्री मंत्री बने तो यह बात सामने आयी की देश के कुछ क्षेत्रों में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं का लिंगानुपात काफी कम है, तब प्रधानमंत्री ने ‘बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ कार्यक्रम चलाया। स्वच्छ भारत मिशन के तहत दो करोड़ 61 लाख परिवार को शौचालय दिया, जो नारी की गरिमा और उसके सम्मान से भी जुड़ा है। उज्ज्वला योजना के तहत एक करोड़ 67 लाख गरीब परिवारों को रसोई गैस देकर उनको तमाम दिक्कतों से मुक्ति दिलायी । प्रधानमंत्री आवास योजना के जरिये 43 लाख 50 हजार से अधिक आवास देकर महिलाओं को घर के स्वामित्व का अधिकार दिया। मुख्यमंत्री सुमंगला योजना के तहत बेटी के जन्म से लेकर स्नातक की पढ़ाई के लिए 15 हजार रुपये की व्यवस्था की। गरीब की बेटी की शादी के लिए मुख्यमंत्री सामुहिक विवाह योजना के तहत 51 हजार रुपये की सहायता दी । अब तक इस योजना के तहत दो लाख गरीब बेटियों की शादी हुई है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार महिला पुलिस का विशेष भर्ती अभियान चलाया । आज हम 1947 से 2017 से पहले तक हुई महिला पुलिस की तीन गुना भर्ती कर चुके हैं। पुलिस बीट की महिला आरक्षी गांवों में जाकर महिलाओं की सुरक्षा के साथ साथ शासन की योजनाओं से भी अवगत करा रही हैं।
छात्राओं से ली महिला कल्याण योजनाओं की जानकारी
इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी ने छात्राओं से केन्द्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं की जानकारी ली। इस मौके पर महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो. यूपी सिंह, कुलपति मेजर जनरल डा. अतुल वाजपेयी, कुलसचिव डा. प्रदीप राव, एम्स गोरखपुर की निदेशक प्रो. सुरेखा कपूर, आयुर्वेद कालेज के प्रधानाचार्य डा. टी. सुरेश, नर्सिंग कालेज की प्रिसिंपल डा. जीएस अजिता, प्रो. शोभा गौड़ आदि मौजूद थे।