नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने मतगणना के दिन या उसके बाद राजनीतिक नेताओं या पार्टियों द्वारा सभी राज्यों में विजय जुलूसों पर प्रतिबंध लगा दिया है। दरअसल, चुनाव परिणाम आने के बाद सियासी दलों के कार्यकर्ता और नेता पार्टी कार्यालयों में विजय जुलूस और जश्न मनाते हैं लेकिन देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना मामलों को देखते हुए चुनाव आयोग ने किसी तरह के जुलूस कार्यक्रम नहीं करने का निर्देश जारी किया है।
चुनाव आयोग ने ये प्रतिबन्ध मद्रास हाईकोर्ट की उस टिप्पणी के बाद लगाया है जिसमें उसने देश में बढ़ते कोरोना के मामलों के लिए चुनाव आयोग को जिम्मेदार ठहराया है। मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी और न्यायमूर्ति सेंथिलकुमार राममूर्ति की पीठ ने भी दो मई को मतगणना प्रक्रिया को रोकने की चेतावनी दी, क्योंकि इस प्रक्रिया का संचालन करने के लिए कोई उचित योजना नहीं है।
तमिलनाडु के परिवहन मंत्री एमआर विजयभास्कर द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा, “आप (चुनाव आयोग) कोरोना की स्थिति के लिए जिम्मेदार एकमात्र संस्था है और संभवतः राजनीतिक दलों को कोरोना के दुरुपयोग से रोकने के लिए आप पर हत्या का केस दर्ज होना चाहिए। आपको किसी भी तरह के अधिकार की कवायद में कमी रही है। आपने अदालत के आदेश के बावजूद रैलियों के आयोजन पर रोक लगाने वाले राजनीतिक दलों के खिलाफ कदम नहीं उठाए हैं।”
पीठ ने कहा, “हम आपको आश्वासन देते हैं कि हम गिनती रोक देंगे अगर हम 2 मई से पहले यह नहीं बताया गया कि कैसे कोरोना प्रोटोकॉल का ध्यान रखते हुए मतगणना की जाएगी।”