लखनऊ। समाजवादी पार्टी द्वारा किये गए हवा-हवाई चुनावी वायदे न केवल अव्यावहारिक हैं, बल्कि यदि उन्हे गंभीरता से लिया जाए, तो उन्हे लागू करने में प्रदेश की अर्थ व्यवस्था चरमरा जाएगी। यह दावा करते हुए प्रदेश के मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि सपा प्रमुख मंत्री अखिलेश यादव पूर्व मुख्य मंत्री भी रह चुके हैं। उनको यह अच्छी तरह मालूम है कि इस प्रकार के वादे करना जिनमे अधिकतर मुफ़्त में दिए जाने वाले सामान और सेवाएं हैं, प्रदेश की अर्थ व्यवस्था के लिए नुकसानदेह है।
उन्होंने कहा कि सपा के वायदों पर विश्वास करना असंभव है। उन्होंने कहा कि सपा ने अपने 88 पन्नों के घोषणा पत्र में 500 से ज्यादा वादे किये हैं। इस प्रपत्र का नाम ‘वचन पत्र’ दिया गया है लेकिन इसमे अधिकतर मुफ़्त में दिए जाने वाले समान और सेवाएं शामिल हैं। यदि कुछ ‘मुफ़्त’ वाले वादों पर नजर डाली जाए, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि उन्हे पूरा करना लगभग असंभव होगा और उन्हे पूरा करने में राज्य में आर्थिक अस्थिरता या सकती है।
प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री ने कहा कहा कि उदाहरण के तौर, वादों के अनुरूप गरीब परिवारों को हर साल दो एलपीजी सिलेंडर मुफ्त दिए जाने पर 6.5 हजार करोड़ रुपए का बोझ बढ़ सकता है, बाइक वालों को हर महीने 1 लीटर पेट्रोल और ऑटो चालकों को हर महीने 3 लीटर पेट्रोल मुफ्त देने से हर साल 11,294 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पढ़ेगा। इसी प्रकार, लोगों को 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने में 20 लाख करोड़ का घाटा सरकार को वहन करना पड़ सकता है। आँकड़े बताते हैं कि 2012 से 2017 के बीच राज्य में बिजली के रेट 60.71% बढ़े थे। शहर में 14-18 घंटे और गांव में 10 घंटे बिजली आती थी।अन्य वायदों में दो बोरी डीएपी खाद मुफ्त देने की बात है लेकिन ऐसा करने पर सरकार पर दबाव बढ़ेगा और डीएपी खाद की कमी हो सकती है।
उन्होंने कहा कि अखिलेश ने ‘राज्य में 20 लाख छात्रों’ को लैपटॉप वितरित किए जाने का वायदा किया है जबकि यह स्पष्ट नहीं है कि ये पूरे पांच साल के कार्यकाल में दिए जाएंगे या हर साल। स्कूलों को टेबल, कुर्सी से लैस किये जाने की बात भी कही गई है लेकिन सपा की सरकार के दौरान 68 हजार स्कूल में बेंच भी नहीं थी, और 83,000 स्कूलों में बिजली व्यवस्था नहीं थी। इसी तरह अपराध नियंत्रण के क्षेत्र में भी जब सपा सरकार थी तब हर दिन 7,650 क्राइम दर्ज हुए। और पूरे कार्यकाल में पुलिस पर 1,044 हमले हुए, पुलिस को सप्ताहिक छुट्टी तक नहीं मिलती थी और महिला सुरक्षा के मामले में साल 2014 में एनसीआरबी ने यूपी को सबसे असुरक्षित राज्य माना था।
सपा का एक और वायदा है कि आगरा और प्रयागराज में मेट्रो शुरू की जाएगी, जबकि अपनी सरकार रहने के दौरान सिर्फ सर्वे ही होता रहा। लखनऊ मेट्रो का कमर्शियल परिचालन और कानपुर मेट्रो की शुरुआत वर्तमान सरकार के कार्यकाल में ही हुआ।
मंत्री ने कहा कि सपा द्वारा इस प्रकार के अव्यावहारिक वायदे किया जाना केवल जनता को भ्रमित करने का प्रयास है।