नई दिल्ली। पिछले 8 महीनों से किसानों का प्रदर्शन शंभू बॉर्डर पर जारी था। इन किसानों ने दिल्ली की ओर कूच करने की कोशिश की, तो हरियाणा पुलिस की इनसे भिड़ंत हो गई। किसानों ने पुलिस द्वारा बनाया गया सुरक्षा घेरा तोड़ दिया। गुस्से में किसानों ने सारी बैरिकेडिंग तोड़कर टीन की छत पर चढ़ गए और उन्हें पीछे खदेड़ने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े।
दरअसल, किसानों और पुलिस के बीच हुए टकराव चलते शंभू बॉर्डर पर तनावपूर्ण स्थिति बन गई। पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। वहीं प्रशासन ने स्कूल बंद कर दिए और इंटरनेट की सर्विसेज भी ठप कर दी हैं, जिसके बाद किसान नेता पंढेर का बातचीत वाला बयान सामने आया।
केंद्र सरकार से बातचीत को तैयार किसान
शंभू बॉर्डर पर किसानों और पुलिस के बीच हुए टकराव को लेकर किसान नेता सरवन सिंह पंढ़ेर ने कहा कि वे नहीं चाहते कि स्कूल या इंटरनेट बंद हो, इसलिए वे केंद्र सरकार से बातचीत के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार की तरफ से बातचीत में कृषि मंत्री हों।
किसान आंदोलन में क्या-क्या हुआ?
किसान नेता ने कहा कि केंद्र सरकार को कल यानी शनिवार तक का समय दिया गया है। इसके बाद रविवार से फिर दिल्ली कूच की कोशिश शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि पुलिस के साथ टकराव में 8 लोग घायल हुए हैं और दो लोग गंभीर रूप से घायल हैं।
किसानों के साथ दुश्मन जैसा व्यवहार क्यों? – पंढ़ेर
किसान नेता ने कहा कि भारत सरकार ने हमें रोकने के लिए बल का प्रयोग किया, हम निहत्थे थे। हमने अनुशासन के साथ 101 लोगों का अपना प्रतिनिधिमंडल भेजा। पंढ़ेर ने कहा कि हमें पता था कि हम बैरिकेडिंग पार नहीं कर पाएंगे, लेकिन फिर भी हमने अपना मार्च शुरू किया। उन्होंने कहा कि वे पीएम मोदी से ये पूछना चाहते हैं कि हमारे साथ दुश्मन जैसा व्यवहार क्यों किया जा रहा है।
कृषि मंत्री ने याद दिलाई सरकार की गारंटी
किसानों और पुलिस के बीच टकराव के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यसभा में कहा कि सरकार किसानों की हितैषी है। उन्होंने कहा कि किसानों की सभी फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत ही खरीदा जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों का हित मोदी सरकार की गारंटी है।