यूक्रेन पर रूस के हमले का लगभग एक महीना बीत चुका है। लेकिन अब तक यह जंग जारी है और इसका कोई नतीजा नहीं निकल सका है। हालांकि यूक्रेन में स्थिति बिगड़ती जा रही लेकिन राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की हथियार डालने को तैयार नहीं है। यूक्रेन को झुकाने के लिए रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन ने अपनी न्यूक्लियर पनडुब्बियां समंदर में उतार दी हैं। इसके बाद से यूक्रेन पर परमाणु हमले का डर भी बढ़ गया है।
इस बीच एक शीर्ष रूसी जनरल ने रूस की सैन्य रणनीति का खुलासा करते हुए कहा कि हमारी सैन्य योजना का पहला चरण पूरा हो गया है और पुतिन का ध्यान अब पूर्वी यूक्रेन पर है।
मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक रूस के जनरल स्टाफ के पहले उप प्रमुख कर्नल जनरल सर्गेई रुडस्कॉय ने शुक्रवार को एक ब्रीफिंग में कहा, ‘सामान्य तौर पर, ऑपरेशन के पहले चरण के मुख्य कार्य पूरे हो चुके हैं। जिससे यूक्रेन के सशस्त्र बलों के लड़ने की क्षमता काफी कम हो गई है। अब हमें अपने मुख्य लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना है और वह है डोनबास की मुक्ति।’
रुडस्कॉय की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब रूसी सेना कीव और खारकीव जैसे प्रमुख यूक्रेनी शहरों के आसपास रुकी हुई है। रूस अभी तक कीव को कब्जाने में विफल रहा है और हमले के बाद से उसे कई मोर्चे पर भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
मीडिया के मुताबिक रुडस्कॉय ने कहा अवाम और विशेषज्ञ यह सोच रहे हैं कि हम अवरुद्ध यूक्रेनी शहरों के क्षेत्र में क्या कर रहे हैं? उन्होंने कहा ‘इस तरह की कार्रवाई तो बस यूक्रेन के सैन्य बुनियादी ढांचे, उपकरण और सैनिकों को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से किया जा रहा है। इस वजह से हमें न केवल उनकी सेनाओं को वहां रोकने बल्कि उन्हें डोनबास में अपनी मजबूत स्थिति बनाने से रोकने में सहायता मिल रही है। और हम तब तक उन्हें ऐसा नहीं करने देंगे, जब तक रूसी सेना डीपीआर और एलएनआर के क्षेत्रों को पूरी तरह से मुक्त नहीं कर देती।’