नई दिल्ली। दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में मान्यता है कि कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन हनुमानजी का जन्म हुआ था। कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी यानी नरक चतुर्दशी को हनुमानजी का जन्म हुआ था। इस कारण नरक चतुर्दशी वाले दिन हनुमानजी की पूजा का विशेष महत्व है। आइए, जानते हैं हनुमान जी से जुड़ीं खास बातें और नरक चतुर्दशी पर हनुमान जी की पूजा का विशेष नियम।
वाल्मीकि रामायण के अनुसार, हनुमान जी का जन्म कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मंगलवार के दिन, स्वाति नक्षत्र और मेष लग्न में हुआ था। इस कारण पौराणिक मान्यता के अनुसार पहली चैत्र माह की तिथि को विजय अभिनन्दन महोत्सव के रूप में और दूसरी तिथि को जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। वहीं, कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को माता सीता ने हनुमान जी को अमरत्व का वरदान भी दिया था इसलिए इस दिन हनुमान जी की पूजा का विशेष नियम है।
हनुमान जी के भक्त व्रत रखकर विधि-विधान से बजरंगबली की उपासना करते हैं. ऐसी मान्यता है कि जिन लोगों के जीवन में शिक्षा, व्यापार, करियर, सेहत या अन्य कोई बाधा है तो उन्हें हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए. ऐसा करने से हनुमान जी की कृपा से उनके सारे संकट और सारी बधाएं दूर होती हैं. इस साल 30 अक्टूबर 2024 को हनुमान जयंती मनाई जा रही है.