वाशिंगटन। अमेरिकी सेना के शीर्ष जनरल मार्क मिले ने कहा है कि अगर चीन ताइवान पर हमला करता है तो ये उसके लिए एक रणनीतिक चूक होगी। मार्क मिले इस समय अमेरिकी सेना में सबसे शीर्ष पद यूएस चेयरमैन ऑफ़ ज्वॉइंट चीफ़्स ऑफ़ स्टाफ़ की ज़िम्मेदारी संभाल रहे हैं। मिले ने कहा है कि अगर चीन ने ताइवान के प्रति आक्रामकता दिखाई तो ये पुतिन जैसी ग़लती होगी।
गौरतलब है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने इस साल की शुरुआत में अपने पड़ोसी देश यूक्रेन पर सैन्य आक्रमण कर दिया था जिसे वह विशेष सैन्य अभियान का नाम देते आए हैं। ये युद्ध अब तक जारी है और निकट भविष्य में भी इस संघर्ष का हल निकलता नहीं दिख रहा है। रूस को इस युद्ध की वजह से भारी आर्थिक और भू-राजनीतिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
मिले ने कहा, “ताइवान पर हमला करके घेराबंदी करना एक बहुत मुश्किल काम है। ताइवान का ज़्यादातर इलाका पहाड़ी क्षेत्र है। सैन्य अभियान की दृष्टि से ये एक काफ़ी मुश्किल काम है। ऐसी स्थिति में चीनी पक्ष काफ़ी जोख़िमभरी स्थितियों में होगा। इसके साथ ही चीन के लिए ये एक रणनीतिक और भू-राजनीतिक ग़लती होगी जैसी पुतिन ने यूक्रेन में की है।
इसके साथ ही Mark Milley मिले ने कहा है कि ताइवान में जो स्थिति है, उसमें यूक्रेन युद्ध से सबक लेकर ताइवान को खुद का बचाव करने के लिए बेहतर ढंग से तैयार किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, “कोई कितनी भी आलोचना करें लेकिन इस बात में कोई शक नहीं है कि इस समय अमेरिकी सेना दुनिया में सबसे ख़तरनाक सेना है। लेकिन इसके साथ ही ने कहा कि चीन इस सदी के मध्य तक दुनिया की सबसे बड़ी ताक़त बनने की ओर बढ़ रहा है। हालांकि, उन्होंने फिलहाल अमेरिका को दुनिया की सबसे बड़ी ताक़त बताया।
अमेरिकी सेना सबसे पहले पायदान पर है और हम इस पायदान पर बने रहना चाहते हैं। अमेरिका और चीन के बीच भविष्य में किसी तरह के संघर्ष के सवाल पर मिले ने कहा कि जब तक अमेरिकी सेना मजबूत स्थिति में रहती है तब तक ये अमेरिका और चीन में शक्ति के लिए संघर्ष का युद्ध में बाधक बना रहेगा।