लखनऊ। अगर आप उत्तर प्रदेश में रहते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। समय से सेवाएं न मिलने या समस्या का निवारण न होने पर बिजली उपभोक्ताओं को अब मुआवजा मिलेगा। बिजली उपभोक्ताओं को मुआवजे का कानून इसी माह प्रभावी होने की उम्मीद है। यह व्यवस्था पहले भी थी मगरऑफलाइन सिस्टम होने की वजह से इंजीनियर और बिजली विभाग के कर्मचारी उपभोक्ताओं को दौड़ाते रहते थे। अब इसको ऑनलाइन किया जा रहा है। ऐसे में जल्द ही सभी लोग इसका लाभ ले सकेंगे। दरअसल मुआवजे की आनलाइन पारदर्शी व्यवस्था लागू करने के लिए पावर कारपोरेशन ने साफ्टवेयर तैयार कराया है। ऐसे में उपभोक्ता की कोई भी शिकायत लाइनमैन से लेकर निदेशक तक के मोबाइल पर दिखाई देगी।
इसके बाद तय समय सीमा में समस्या का समाधान नहीं होने पर मुआवजा कानून के तहत निर्धारित प्रतिदिन के आधार पर उपभोक्ता मुआवजा पाने का हकदार होगा। नियम के मुताबिक समस्या का निवारण न होने पर बिजली कंपनियों को जो मुआवजा देना होगा, वो उपभोक्ता के बिजली बिल में लिखकर आ जाएगा। इसमें अधिकतम 60 दिन में उपभोक्ता को मुआवजा देना ही होगा। शिकायतों का समाधान नहीं होने पर मुआवजे की दर 50 से लेकर 250 रुपये प्रतिदिन तक तय है। इसमें उपभोक्ता को अधिकतम 30 हजार रुपये तक का मुआवजा मिल सकता है। अप्रैल के अंत तक उपभोक्ताओं को मुआवजा मिलना शुरू हो जाएगा।
बिल सही कराने से लेकर कनेक्शन देने के मामले में इंजीनियर बिजली ग्राहकों को महीनों इधर से उधर दौड़ाते थे। इससे निपटने के लिए साल 2020 में स्टैंडर्ड ऑफ परफॉर्मेंस रेगुलेशन, 2019 मुआवजा कानून बना था। इस सिस्टम को ऑनलाइन करने में कंपनियों को काफी समय लग गया। दो साल से ग्राहकों को इसका लाभ नहीं मिल रहा। अब कन्ज्यूमर की किसी भी परेशानी को हल करने में बिजली कंपनियां अगर लेट करती हैं, तो उसका मामला मुआवजा कानून के लिए उपयुक्त हो जाएगा। उपभोक्ता अपने मोबाइल या कंप्यूटर किसी भी जरिए से ऑनलाइन मुआवजा की मांग करेगा। उसके बाद से कार्रवाई शुरू हो जाएगी।