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भारतीय महिला मुक्केबाज लवलीना ने जीता कांस्य पदक, बेटीयों की बदौलत तीसरा मेडल

दिल्लीः भारत की महिला मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन ने टोक्यो ओलंपिक में कास्य पदक जीतकर भारत को तीसरा मेडल दिलाया है। 22 वर्षीय मुक्केबाज को सेमीफाइनल में विश्व चैंपियन तुर्की की बुसेनाज सुरमेनेली के हाथों हार का सामना करना पड़ा। इस मुकाबले में लवलीना ने पूरा जोर लगा डाला पर वह बुसेनाज के खिलाफ ज्यादा कुछ नहीं कर पाईं। भारतीय मुक्केबाज को 0-5 से शिकस्त खाकर हार का सामना करना पड़ा।

 

लवलीना का यह पहला ओलंपिक दौरा था बावजूद इसके वह इतिहास लिखने में सफल रहीं। वह अब ओलंपिक इतिहास में पदक जीतने वाली भारत की दूसरी महिला मुक्केबाज बन गई है। यही नही वह 125 साल के ओलंपिक इतिहास में असम की पहली एथलीट हैं जिन्होंने पदक जीता है। मुक्केबाजी में लवलीना से पहले सिर्फ दिग्गज मौरीकॉम और विजेंद्र सिंह ने ही मुक्केबाजी में ओलंपिक मेडल जीता था।

 

लवलीना बोरगेहेन, बोली- मैं सदमे में हूं
इस हार से मैं सदमे में हूँ। मेरी रणनीति थी कि मैं जितनी मार खाऊँ उतना ही मारूँ। पर ऐसा हो नहीं पाया। अब मैं एक-डेढ़ महीने का ब्रेक लूँगी और फिर मज़बूती से लौटूँगी।

 

पीएम मोदी ने दी बधाई 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन के कांस्य पदक जीतने पर उन्हें बधाई दी है। पीएम ने एक ट्वीट में कहा, ‘बहुत शानदार मुकाबला किया लवलीना बोरगोहेन। बॉक्सिंग रिंग में उनकी सफलता कई भारतीयों को प्रेरित करती है। उनकी दृढ़ता और संकल्प प्रशंसनीय है। कांस्य पदक जीतने पर उन्हें बधाई। भविष्य के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं।’

 

अब तक देश को तीन पदक और तीनों बेटियों के नाम
लवलीना ने कांस्य जीतकर भारत की मेडल्स टैली में एक और पदक जोड़ दिया है। हैरानी की बात यह है कि अबतक भारत ने तीन पदक जीते है और तीनों ही पदक भारत की बेटीयों के नाम है। जिसमें मीराबाई चानू ने वेटलिफ्टिंग में सिल्वर, बैडमिंटन में पीवी सिंधु ने कांस्य और मुक्केबाजी में लवलीना ने कांस्य पदक जीता है।

 

 

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