टोक्यो ओलंपिक में भारत के स्टार पहलवान रवि कुमार दहिया (57 किग्रा भारवर्ग) के फाइनल में पहुंच चुके है। सेमीफाइनल में उन्होंने कजाकिस्तान के नूरीस्लाम सनायेव को करारी शिक्स्त देकर 7-9 से हराया है। अब स्वर्ण पदक के लिए गुरूवार को फाइनल होगा, जहां रवि रूस के पहलवान जवुर यूगेव से भिड़ेंगे।
अगर सेमीफाइनल मुकाबले की बात करे तो चौथी वरीयता प्राप्त पहलवान रवि एक समय में 2-9 से पीछे चल रहे थे लेकिन उन्होंने आश्चर्यजनक तरीके से वापसी करते हुए कजाकिस्तान के पहलवान को पटखनी देते हुए जीत को अपने नाम कर लिया।
हार का सामना करते हुए ऐसे पलट दी बाजी
पहले दौर के बाद दहिया के पास 2-1 की बढत थी लेकिन सानायेव ने उनके बाएं पैर पर हमला बोलकर तीन बार उन्हें पलटने पर मजबूर करते हुए छह अंक ले लिए। ऐसा लग रहा था कि दहिया हार निश्चित हैं लेकिन आखिरी 30 सेकंड में उन्होंने बाजी पलट दी। रवि ने नूरीस्लाम को फॉल के माध्यम से 7-9 से हराया। रवि 7-9 से पिछड़ रहे थे लेकिन नूरीस्लाम चोट के कारण आगे खेल जारी नहीं रख सके और इस तरह भारतीय पहलवा रवि ने फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली। बता दें कि रवि ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने वाले दूसरे भारतीय पहलवान हैं। इनसे पहले सुशील कुमार 2012 में फाइनल में पहुंचे थे।
कैसा रहा है ओलंपिक का सफर
बता दें कि रवि ने अपने ओलंपिक अभियान की मजबूत शुरुआत करते हुए बुधवार को ही बुल्गारिया के जॉर्जी वेलेंटिनोव वेंगेलोव को तकनीकी दक्षता के आधार पर 14-4 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी। इससे पहले दहिया ने पहले दौर में कोलंबिया के टिगरेरोस उरबानो आस्कर एडवर्डो को 13-2 से हराया था।
रवि के गांव में जश्न का माहौल, पिता बोले- वह गोल्ड मेडल जीतेगा
रवि दहिया के टोक्यो ओलंपिक फाइनल में पहुंचने के बाद उनके गांव में जश्न का माहौल है। रवि के पिता राकेश दहिया में गजब की खुशी है। उन्होंने कहा, ‘रवि गोल्ड मेडल जीतेगा। मुझे पूरा विश्वास है। मैं अपनी खुशी को शब्दों में बयां नहीं कर सकता। रवि के पिता ने आगे कहा, ‘उसने परिवार वालों से वादा कर रखा है कि वह ओलंपिक स्वर्ण पदक लेकर आएगा। वह हर दिन आठ घंटे तक अभ्यास करता था।’